Thursday, 18 November 2021
अमेरिका की धमकी न चली, रूस ने भेजीं मिसाइलें
दुनिया में सबसे एडवांस और ताकतवर मिसाइल सिस्टम में शामिल एस-400 की सप्लाई भारत को मिलने लगी है। इसे हासिल करने के लिए भारत और रूस में अक्तूबर 2018 में डील हुई थी। सामरिक चुनौतियों को देखते हुए भारत अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक हथियार और रक्षा प्रणालियां जुटा रहा है। फ्रांस से उन्नत राफेल लड़ाकू विमान लिए गए तो रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली ली जा रही है। अमेरिका की प्रतिबंध की धमकी को दरकिनार करके भारत रूस से दुनिया का यह टॉप मिसाइल डिफेंस सिस्टम हासिल करने जा रहा है। अच्छी खबर यह है कि पांच एस-400 मिसाइल सिस्टम में से पहले सिस्टम की जल्द डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है। भारत के लिए यह एस-400 मिसाइलें बहुत जरूरी हैं। यह मिसाइल सिस्टम एक साथ 36 टारगेट पर निशाना लगा सकता है। इन्हें ट्रकों पर जगह-जगह तैनात किया जा सकता है और एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। अमेरिका के पास भी इनके मुकाबले वाली कोई मिसाइल नहीं है। यह रूस की बनाई एस-200 मिसाइलों और एस-300 मिसाइलों का चौथा और ज्यादा मारक वाला वर्जन है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक एस-400 दुनिया में मौजूद सबसे बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है। इसमें लगा हुआ एडवांस रडार 400 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को देख सकता है और उसे नष्ट कर सकता है। इस साल के अंत तक पहले सिस्टम की डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है। एस-400 को चीन और तुर्की में पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार इसे पहले पश्चिमी फ्रंट पर तैनात किया जाएगा। जहां से यह चीन और पाकिस्तान के लगते एयरस्पेस पर नजर रखेगा। एस-400 सिस्टम हमला करने आ रहे ड्रोन, विमान या बैलेस्टिक मिसाइलों को पहचान कर उन्हें हवा में 400 किलोमीटर पहले ही बर्बाद कर देता है। इस सिस्टम को खरीदने के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का करार हुआ था। भारतीय वायुसेना के कुछ अधिकारी सिस्टम को चलाने के लिए रूस में ट्रेनिंग भी ले चुके हैं। भारत ने चीन से खतरे के मद्देनजर मिसाइल प्रणाली को जरूरी बताया था। भारत का कहना है कि उसकी रूस और अमेरिका दोनों के साथ रणनीतिक साझेदारी है। इस आधार पर उसने अमेरिका से काट्सा कानून से राहत की अपील की थी। लेकिन अमेरिका के रुख से लगता है कि भारत को राहत मिलने की संभावना कम ही है। पिछले साल इसी कानून के तहत अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए थे, जब उसने रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीद था। भारत ने अमेरिकी धमकी की कोई परवाह नहीं की है। इसका उपयोग पाक-चीन सीमा को अभेद्य बनाने में किया जाएगा। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के आने के बाद भारत दुश्मन को धूल चटा देगा। इसके साथ ही भारत का आकाश अभेद्य बन जाएगा। मोदी सरकार ने डिफेंस के विभाग में कई हथियार लिए हैं। यूपीए सरकार में तो इनकी आपूर्ति ठप-सी हो गई थी। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेने पर मोदी सरकार को बधाई।
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