Wednesday 24 November 2021

क्या आर्यन खान के खिलाफ ड्रग्स मामला फर्जी था?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कूज ड्रग्स केस में कहा है कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिले हैं। आर्यन और दो अन्य को जमानत देने वाले अपने विस्तृत आदेश में कोर्ट ने कहा कि ऐसे कोई सुबूत नहीं मिले हैं, जो यह दिखाते हों कि आरोपियों ने अपराध की साजिश रची थी। जस्टिस एनडब्ल्यू सांब्रे की एकल पीठ ने 28 अक्तूबर को आर्यन खान, उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट और मॉडल मुनमुन धमेचा को एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी। हाई कोर्ट ने कहा कि आर्यन खान के मोबाइल फोन के लिए गए व्हाटसएप चैट से पता चलता है कि ऐसा कुछ आपत्तिजनक नहीं पाया गया, जो दिखाता हो कि उसने, मर्चेंट और धमेचा के मामले में अन्य आरोपियों ने अपराध करने की साजिश रची हो। इसमें यह भी कहा गया है कि एनसीबी ने आर्यन खान का जो स्वीकृति बयान दर्ज किया है, उस पर केवल जांच के मकसद से गौर किया जा सकता है और उसका इस्तेमाल या निष्कर्ष निकालने के लिए हथियार के तौर पर नहीं किया जा सकता कि आरोपी ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत कोई अपराध किया है। 14 पन्नों के आदेश में कहा गयाöऐसा कोई भी सकारात्मक साक्ष्य रिकॉर्ड में नहीं है जो अदालत को इस बात पर राजी कर सके कि समान मंशा वाले सभी आरोपी गैर-कानूनी काम करने के लिए राजी हो गए। आदेश में कहा गया कि तीनों ने पहले ही लगभग 25 दिन कैद में काट लिए हैं और अभियोजन ने अभी तक उनकी मेडिकल जांच तक नहीं कराई है ताकि यह पता चल सके कि उन्होंने ड्रग्स का सेवन किया था। आदेश में यह भी कहा गया कि आर्यन खान के पास कोई भी आपत्तिजनक पदार्थ नहीं मिला है और इस तथ्य पर कोई विवाद भी नहीं है। मर्चेंट और धमेचा के पास से अवैध ड्रग्स पाया गया, जिसकी मात्रा बेहद कम थी। जस्टिस सांब्रे ने कहा कि कोर्ट को इस तथ्य के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत होती है कि आरोपियों के खिलाफ साजिश करने के लिए साक्ष्य के तौर पर कुछ सामग्री मौजूद हो। जस्टिस सांब्रे ने कहा कि अगर अभियोजन के मामले पर गौर किया भी जाए तो भी इस प्रकार के अपराध में सजा एक वर्ष से ज्यादा नहीं है। महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश से यह साफ है कि आर्यन खान के खिलाफ ड्रग्स का मामला फर्जी था। उन्होंने कहा कि एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को सस्पेंड कर देना चाहिए। नवाब मलिक ने कहा कि यह आदेश आर्यन खान की गिरफ्तारी पर भी सवालिया निशान लगाता है। उन्होंने अपने इस आरोप को भी दोहराया कि आर्यन का अपहरण रिश्वत मांगने के लिए किया गया था। उन्होंने कहाöलोगों के पैसे की इस तरह बर्बादी बंद होनी चाहिए। समीर वानखेड़े ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश पर टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि मामला विचाराधीन है। वानखेड़े ने कहा कि वह मलिक के आरोपों को महत्व नहीं देना चाहते। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहाöकेवल इसलिए कि आवेदक कूज पर यात्रा कर रहे थे, एनडीपीएस अधिनियम की धारा 29 के प्रावधान लगाने को संतोषजनक आधार नहीं कहा जा सकता।

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