Friday, 19 November 2021

कभी नहीं सोचा था कि एक दिन प्लेन से उतरूंगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में देश के सबसे लंबे 341 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। लखनऊ से गाजीपुर के बीच 22,500 करोड़ रुपए की लागत से बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के लिए मोदी ने सुपर हरक्युलिस से एक्सप्रेस-वे पर लैंडिंग की। ऐसा करने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री बने। इस अवसर पर भारतीय वायुसेना ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लैंडिंग और टेकऑफ कर अपनी ताकत दिखाई। पीएम के सुपर हरक्युलिस से सीधे एक्सप्रेस-वे पर लैंडिंग करने के बाद 30 विमान वहां पहुंचे। मोदी ने यहां एयर शो भी देखा। 3.2 किलोमीटर लंबी एयर स्ट्रिप पर सुखोई-30 व मिराज-2000 जैसे विमानों का टच और गो ऑपरेशन करीब एक घंटे तक चला। खास बात यह है कि पूर्वी फ्रंट पर चीन से युद्ध के दौरान इमरजेंसी उपयोग में आने वाला यह पहला एक्सप्रेस-वे होगा। उत्तरी और पूर्वी बॉर्डर के नजदीक होने के कारण यहां से चीन-पाक के साथ युद्ध की स्थिति में आसानी से फाइटर जैट्स ऑपरेट किए जा सकेंगे। यहां से दोनों फ्रंट की दूरी करीब 600 किलोमीटर है। रक्षा मामलों के विशेषज्ञ एयर मार्शल (रिटायर्ड) जेएस चौहान और एयर कमांडेंट (रिटायर्ड) आरएन गायकवाड़ ने इसके सामरिक मायने बताए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन-चार साल पहले जहां कुछ भी नहीं था वहां मैंने नहीं सोचा था कि कभी विमान से उतर सपूंगा। यूपी के विकास के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की जमकर तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने उन्हें कर्मयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे की खासियत यह है कि एक्सप्रेस-वे लखनऊ से उन शहरों को जोड़ेगा, जिनमें विकास की असीम संभावना है। इस पर आज योगी जी के नेतृत्व में योगी सरकार ने भले ही 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हों, लेकिन भविष्य में यह एक्सप्रेस-वे हजारों करोड़ के निवेश यहां लाने में मदद करेगा। मानव समाज और नगर सभ्यताओं के विकास की जो कसौटियां हैं, उनमें सड़कों का जाल सबसे अहम है और आज विशाल आबादी की अपेक्षा व जरूरतों को पूरा करने की तो यह बुनियादी शर्त है। इस मामले में देश दशकों तक तेज प्रगति नहीं कर पाया, क्योंकि अर्थव्यवस्था की कुछ सीमाएं अलग थीं और अलग-अलग सरकारों की प्राथमिकताएं भी अलग थीं। आज हम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय शुरू स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को याद करते हैं। बहरहाल उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में यमुना एक्सप्रेस-वे ने विकास को वह गति दी है कि देश में विकास का पहिया अब थमने वाला नहीं है। साढ़े तीन वर्ष के भीतर लगभग 22,500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह एक्सप्रेस-वे अन्य राज्यों की सरकारों के लिए भी एक उदाहरण है कि समयबद्ध निर्माण की क्या अहमियत है।

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