Friday 12 November 2021

खत्म हुआ कोहली-शास्त्राr जोड़ी का युग

टी-20 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल की रेस से पहले ही बाहर हो चुकी टीम इंडिया ने अपने अंतिम मैच में नामीबिया को नौ विकेट से हरा दिया और इसी के साथ खत्म हुआ कोहली-शास्त्राr का युग। इस दुखदायक अंत से देश के क्रिकेटप्रेमियों का मायूस होना स्वाभाविक है। मगर संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में हो रहे इस विश्व कप में भारत के सफर को शुरुआत से देखें तो यह अप्रत्याशित भी नहीं था। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से दो शुरुआती मैचों में हारने के बाद ही विराट कोहली की टीम के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई थीं और उसका दावा तकरीबन खत्म हो गया था। इस प्रतियोगिता के बाद अब टीम को नया कप्तान (टी-20) और नया कोच मिल गया है। इसके बाद होने वाले मैच का प्रदर्शन कितना शानदार और उम्मीद के अनुरूप रहता है, इसका इंतजार करना होगा। दरअसल पाकिस्तान से बुरी तरह हारने के बाद से यह लगने लगा था कि अब टीम इंडिया इस सदमे से शायद ही उभरे और न्यूजीलैंड के मैच ने यह साबित भी कर दिया। आश्चर्य की बात है कि जिस टीम ने इंग्लैंड के साथ घरेलू मैच में शानदार प्रदर्शन किया हो और टी-20 प्रतियोगिता के बीच आज मैच में बेहतरीन फॉर्म में थी, वह मैच शुरू होते ही बेपटरी हो गई। इस हार के बाद कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्राr और मैंटोर के रूप में नियुक्त पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को लेकर सवाल उठ रहे थे। खासकर कप्तान विराट कोहली की टीम के कुछ खिलाड़ियों से अदावत और आर. अश्विन, चहल और कुलदीप यादव जैसे स्पिनर्स को एक भी मैच में मौका नहीं देना भी टीम की हार की बड़ी वजह बनी। कई खिलाड़ियों के क्रम में उलटफेर करने से भी टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ा। बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों ही क्षेत्रों में भारतीय टीम के प्रदर्शन को लेकर सुनील गावस्कर और वीवीएस लक्ष्मण सहित कई अन्य दिग्गज चिन्ता जता रहे हैं, तो यह सोचने वाली बात है। गावस्कर के मुताबिक पावर प्ले के दौरान जब 30 गज के बाहर सिर्प दो ही खिलाड़ी होते हैं, भारतीय बल्लेबाजों का रवैया निराशाजनक रहा। विश्व कप जैसी बेहद चुनौतीपूर्ण स्पर्द्धा में जहां एक-एक रन की कीमत होती है, भारत ने पाकिस्तान को 152 रनों और न्यूजीलैंड को महज 110 रन का टारगेट दिया था, जोकि वाकई कम था। इससे भी दयनीय यह है कि इन दोनों के खिलाफ अपने दोनों महत्वपूर्ण मैचों में भारतीय गेंदबाज सिर्प दो ही बेट्समैन को आउट कर सके। ऐसे में टीम के चयन को लेकर भी सवाल उठे, तो यह गलत नहीं था। निश्चय ही ऐसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट से बाहर होने पर टीम के खिलाड़ियों का मनोबल भी कमजोर होता है, मगर यह स्थिति दिखाती है कि भारतीय टीम और उसके प्रबंधन में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है। चूंकि विराट कोहली ने पहले ही टी-20 की कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया था और टीम के कोच रवि शास्त्राr की पारी खत्म हो गई है, तो सुधार का अवसर दूर नहीं है। विश्व कप से ठीक पहले आईपीएल जैसे तमाशे की वजह से तो कहीं टीम के प्रदर्शन पर फर्प तो नहीं पड़ा? रवि शास्त्राr ने कहा कि टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी मानसिक रूप से थक गए हैं उन्हें सख्त आराम की जरूरत है। देखें अब नई टीम, नए कप्तान, नए कोच आ गए हैं तो इसका टीम इंडिया के प्रदर्शन पर कितना असर पड़ेगा?

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