Friday, 26 November 2021
पठानकोट आर्मी कैंप पर आतंकी हमला
पंजाब के पठानकोट आर्मी कैंप में सोमवार तड़के ग्रेनेड से हमला किया गया। ग्रेनेड कैंप के त्रिवेणी गेट पर फेंका गया। हालांकि हमले में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पठानकोट में हाई अलर्ट है। इसी बीच एक लावारिस आई-20 कार भी बरामद हुई है जिसके आगे-पीछे की नम्बर प्लेट को शातिर तरीके से बदला गया है। कार के आगे पीबी10जीजे 6781 और पीछे पीबी10जीएल6781 लगाया गया है। इसमें सिर्फ बीच के जी के बाद और दो में ही अंतर रखा गया है। एसएसपी सुविंदर लांबा ने संतरी से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि रात को कैंप के सामने एक बाइक गुजरी थी। उस पर सवार लोगों ने गेट की तरफ ग्रेनेड फेंका, जिसमें ब्लास्ट हो गया। इलाके को तुरन्त सील करके चप्पे-चप्पे को खंगाला जा रहा है। बता दें कि पंजाब का पठानकोट जिला भारतीय सेना के सर्वाधिक ठिकानों में से एक है। यहां पर भारतीय वायुसेना का स्टेशन, सेना का गोला-बारूद डिपो और दो बख्तरबंद ब्रिगेड व बख्तरबंद इकाइयां हैं। पठानकोट में वायुसेना के एयर बेस पर दो जनवरी 2016 को आतंकी हमला हुआ था। भारतीय सेना की वर्दी में आए हथियारबंद आतंकियों ने इसे अंजाम दिया था। इसमें सात जवान शहीद हुए थे। सभी आतंकी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर रावी नदी के रास्ते आए थे। भारतीय इलाके में पहुंचकर आतंकियों ने कुछ गाड़ियों को हाइजैक किया था और पठानकोट एयर बेस पहुंचे थे। दो दिन पहले ही फिरोजपुर जिले की तहसील जीरा के गांव सेखा से टिफिन बम मिला था। बम को टिफिन में बंद कर जमीन में दबाया गया था। पौधारोपण के दौरान यह बम मिला था। इससे पहले भी पंजाब में आधा दर्जन से ज्यादा टिफिन बम और हैंड ग्रेनेड मिल चुके हैं। यही नहीं पुलिस ने ऐसे तीन मॉड्यूल का भंडाफोड़ भी किया है, जिसमें लोग पैसे के लिए आतंकी वारदात करने को तैयार हुए हैं। सुरक्षा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस वारदात को पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर भी अंजाम दे सकते हैं। इस वारदात के पीछे खालिस्तान समर्थक आतंकी अथवा कश्मीरी आतंकी हो सकते हैं। इस वारदात को पंजाब में होने वाले चुनाव से पहले आतंकी हिंसा को एक संकेत के तौर पर देखा जाना चाहिए और इससे सटे जम्मू-कश्मीर में भी आतंकी संगठन आने वाले दिनों में आतंकी साजिशों को अंजाम दे सकते हैं। पाकिस्तान की ओर से लंबे अरसे से पंजाब के पठानकोट तथा जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की लगातार साजिशें हो रही हैं। इस प्रकार के लगातार इनपुट मिल रहे हैं कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने पालतू आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा, अल बदर तथा हिजबुल मुजाहिद्दीन के जरिये सुरक्षा बलों के प्रतिष्ठानों पर बड़े हमलों की कोशिश कर रहे हैं, घाटी का माहौल खराब करने के लिए वहां हाई ब्रिड आतंकियों के जरिये टारगेट किलिंग की जा रही है। याद हो कि पाकिस्तान की ओर से पिछले करीब डेढ़-दो साल से ड्रोन हमले लगातार पंजाब और जम्मू-कश्मीर में किए जा रहे हैं। इन सब घटनाओं से साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ाने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाने में लगा है। पठानकोट की घटना से सुरक्षाकर्मियों के लिए चुनौतियां और बढ़ गई हैं।
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