Monday, 22 November 2021
अधिकार क्षेत्र के खिलाफ प्रस्ताव पारित
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया। हालांकि सदन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने प्रस्ताव का विरोध किया। पंजाब के बाद विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव पेश करने और उसे पारित करने वाला बंगाल दूसरा प्रदेश हो गया है। राज्य के संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने सदन की प्रक्रिया व कार्य संचालन नियमांवली की नियम संख्या 169 के तहत प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि यह फैसला फौरन वापस लिया जाए, क्योंकि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने से देश के संघीय ढांचे पर प्रहार होगा। तृणमूल कांग्रेस विधायक उस्मान गुहा की एक टिप्पणी के बाद सदन में हंगामा हो गया। गुहा ने कहा कि सीमावर्ती इलाके में रहने वाला एक बच्चा कभी देशभक्त नहीं हो सकता, यदि वह देखता है कि बीएसएफ द्वारा तलाशी लेने की आड़ में उसकी मां के शरीर को अनुचित तरीके से स्पर्श किया जाता है। भाजपा विधायकों ने टिप्पणी का विरोध किया और उसे सदन के रिकॉर्ड से हटाए जाने की मांग की। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने गुहा की टिप्पणी को हटाने से इंकार कर दिया। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ जैसे बल के खिलाफ की गई भाषा पूरी तरह से अस्वीकार्य है। प्रस्ताव को 63 के मुकाबले 112 मतों से पारित किया गया। भाजपा नीत सरकार ने बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया है ताकि पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे तक के बजाय अब 50 किलोमीटर अंदर तक तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की कार्रवाई कर सके।
-अनिल नरेन्द्र
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