Wednesday 17 November 2021

बच्चों के कातिलों से बात क्यों?

वर्ष 2014 में पेशावर (पाकिस्तान) के आर्मी पब्लिक स्कूल में हुए आतंकी हमले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान को गत बुधवार को पेशी के दौरान जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने इमरान से कहा कि वह 132 स्कूली बच्चों की नृशंस हत्या करने वालों से क्यों समझौता कर रहे हैं? आर्मी पब्लिक स्कूल में नरसंहार में शामिल लोगों के खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। तीन जस्टिस की खंडपीठ ने कहा कि वह नरसंहार के दोषियों को समझौते की मेज पर ले आए हैं। क्या हम फिर से आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर दस्तखत करने वाले हैं? इमरान खान ने अपनी सफाई में कहा कि पाकिस्तान में कोई भी सवालों और जांच से परे नहीं है। उनकी सरकार अदालत के आदेशानुसार दोषियों पर कार्रवाई करेगी। बता दें कि इमरान खान सरकार कुछ समय से आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से समझौता वार्ता कर रही है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार को कहा था कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन के साथ एक पूर्ण संघर्षविराम का समझौता हो चुका है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों ने ही वर्ष 2014 में पेशावर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल (एपीएस) के बच्चों पर बर्बर हमला कर कुल 147 लोगों की हत्या की थी, जिनमें 132 बच्चे थे। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुबह करीब 10 बजे इमरान खान को समन भेजा था। वह दो घंटे बाद पेश हुए थे। इमरान खान ने पीठ से कहा कि हमले के समय उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी खैबर पख्तूनिस्तान में सत्ता में थी। उसमें हमले के शिकार लोगों के स्वजन को वित्तीय मदद की थी। इस जवाब से पीठ और क्रोधित हो गई। चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रधानमंत्री पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। अभिभावक पूछ रहे हैं कि उस दिन सुरक्षा व्यवस्था कहां थी? डॉन अखबार के अनुसार चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे आदेश के बावजूद कुछ नहीं किया गया। कोर्ट ने इमरान को 20 अक्तूबर के फैसले का पालन करने को कहा। अपनी सफाई में इमरान ने कहा कि वह मारे गए बच्चों के मां-बाप से मिलकर बात कर चुके हैं और आगे भी करते रहेंगे। इससे नाखुश जस्टिस खान ने कहा कि पता कीजिए कि 80 हजार लोग क्यों मारे गए? मालूम कीजिए की पाकिस्तान में 480 ड्रोन हमलों के लिए कौन जिम्मेदार है? इमरान खान ने बताया कि एपीएस हमले की जांच के लिए सरकार उच्चस्तरीय जांच आयोग का गठन कर सकती है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने पीएम इमरान को याद दिलाया कि इस नरसंहार को हुए सात साल बीत चुके हैं। इन सात सालों में बताएं कि सरकार ने क्या कार्रवाई की? -अनिल नरेन्द्र

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