Saturday 27 November 2021

तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की होड़

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के दिल्ली मिशन के तहत अन्य दलों के नेताओं को पार्टी में लेने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व महासचिव पवन वर्मा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया है। माना जा रहा है कि कई और नेता अभी कतार में हैं। ममता के मिशन दिल्ली और प्रमुख नेताओं के टीएमसी में लाने के पीछे प्रशांत किशोर का भी दिमाग बताया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि अभी यूपी, छत्तीसगढ़, झारखंड के अलावा कुछ अन्य जगहों पर वरिष्ठ नेताओं से सम्पर्क रणनीतिकारों के जरिये किया गया है। ममता की मुहिम का मकसद टीएमसी को प्रमुख विपक्ष के तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर उभारना है। इसके चलते कांग्रेस में सबसे ज्यादा सेंधमारी हो रही है। टीएमसी में आने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्व सलाहकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य पवन वर्मा को 2020 में राज्य में सत्तारूढ़ जद(यू) से निष्कासित कर दिया गया था। पवन वर्मा ने कहा कि मैंने टीएमसी ज्वाइन की है। जेडीयू छोड़ने के बाद काफी गहराई में जाने के बाद मुझे आज की राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि किसी भी लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है। सरकार को लोकतांत्रिक ढंग से चुनौती देना जरूरी है। मैं उम्मीद करता हूं कि साल 2024 में ममता बनर्जी राष्ट्रीय चुनाव जीतकर दिल्ली में होंगी। कीर्ति आजाद ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि ममता बनर्जी ने जमीन पर उतर कर लड़ाई लड़ी है। पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि मैंने भी हमेशा यही प्रयास किया है कि लोगों के लिए लड़ाई सीधे जमीन पर उतर कर लड़ी जाए। उन्होंने कहा कि जो लोग देश को विभाजित करने का काम कर रहे हैं उनके खिलाफ लड़ाई लड़ूंगा। अशोक तंवर ने कहा कि मौजूदा समय में ममता बनर्जी ही विपक्ष की सबसे बड़ी नेता हैं और उनके नेतृत्व में ही भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई लड़ी जा सकती है।

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