Saturday, 6 November 2021

ईडी बनाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)

महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल हल्के-हल्के चरम पर पहुंच रही है। नवाब मलिक बनाम समीर वानखेड़े का विवाद तो चल ही रहा है। इस बीच मंगलवार को एक बड़े घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के मौजूदा डिप्टी सीएम की 1400 करोड़ रुपए की सम्पत्ति जब्त करने के आदेश जारी किए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार बीते दिनों राष्ट्रव्यापी छापामारी अभियान के तहत अजीत पवार की तमाम बेनामी सम्पत्तियों का पता चला था। यह सम्पत्तियां मुंबई, दिल्ली, पुणे, गोवा में स्थित हैं। विभाग ने अजीत और उनके परिवार वालों को 90 दिन का समय दिया है। इस दौरान उन्हें साबित करना होगा कि यह सभी सम्पत्तियां वैध हैं। जांच के दौरान वह इन सम्पत्तियों को बेच भी नहीं सकेंगे। यह मामला सतारा के 750 करोड़ रुपए के कर्ज घोटाले से जुड़ा हुआ है। वहीं दूसरी ओर ईडी ने पूर्व सीएम अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया है जहां उन्हें छह नवम्बर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर मुंबई से ही करीब 100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली कराने का आरोप लगाया था। राकांपा ने मंगलवार को कहा कि आयकर विभाग द्वारा कुर्प की गई सम्पत्तियों से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का कोई संबंध नहीं है और इसका मकसद उन्हें बदनाम करने का है। राकांपा प्रवक्ता व मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर दबाव बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी और उससे जुड़ा हर व्यक्ति बिना किसी डर के सामना कर रहा है, मलिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो हुआ, वह अब महाराष्ट्र में हो रहा है।

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