Thursday 4 November 2021

धूम-धड़ाम, जगमगाती हुई दीपावली मनाएं

रामनगरी त्रेतायुग जैसी सजी है, भव्यता देखते ही बनती है। चहुंओर उल्लास का माहौल है। अपने राम के स्वागत में रामनगरी अयोध्या का कोना-कोना आलोकित हो उठा है। योगी सरकार के पांचवें दिव्य दीपोत्सव की शुरुआत सोमवार से गई है। पांच दिन तक चलने वाले इस उत्सव का मुख्य आयोजन तीन नवम्बर को होगा, इस दिन उत्तर पदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, कई मंत्री और विदेशी मेहमान शिरक्त करेंगे। इस दिन मां सरयू का नौ लाख दीपों से श्रं=गार किया जाएगा। अयोध्या के नाम एक नया विश्व रिकार्ड बन जाएगा। मुख्य आयोजन के दिन पूरी रामनगरी में करीब 12 लाख दीए जलाए जाएंगे। अकेले राम की पौड़ी पर ही नौ लाख दीप जलाने की तैयारी है। शेष तीन लाख दीप महानगरी के अन्य स्थलों, मठ, मंदिरों पर जलाने की योजना है। हाइवे व सकेत कॉलेज से राम की पौड़ी तक कुल 20 पवेश द्वार, रामायण कालीन युग को जीवंत करते दिख रहे हैं। रामायण आधारित 20 तोरण द्वार भी रामनगरी की भव्यता में चार-चांद लगा रहे हैं। इलेक्ट्रिक कलश, दीप, झालर लाइटिंग के माध्यम से संपूर्ण नगरी में रोशनी करने की तैयारी की गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने युद्ध पदूषण के विरुद्ध अभियान के तहत सोमवार को स्कूली बच्चों व शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए सभी से वादा लिया कि इस बार धूम-धड़ाम, पदूषण वाली नहीं, जगमगाती हुई दीपों वाली दीपावली मनाएंगे। उन्होंने कहा, बच्चे अपने दोस्तों को जागरुक करें कि द से दीया और दीया से दीपावली होती है। प से पटाखे और पटाखों से पदूषण होता है। इसलिए पदूषण भगाना है और दीपावली मनानी है। पदूषण कम करने के लिए पटाखे नहीं दिये जलाएं अभियान को सफल बनाने के लिए पर्यावरण मंत्री ने शपथ दिलाई। पटाखे जलाने से ठंड के मौसम में जगह-जगह आग लगती है। कूड़ा जलाया जाता है। पार्कों में लोग पत्ते जला देते हैं। इससे निकलने वाला धुआं वातावरण को खराब करता है। आप सब से नम्र निवेदन है कि आप सिर्प ग्रीन पटाखे जलाएं, पारंपरिक पटाखों के मुकाबले ग्रीन पटाखों से हानिकारक धुआं और पदार्थ (गैसें) कम निकलती हैं जिससे 40 से 50 फीसदी तक पदूषण कम किया जा सकता है साथ ही दमघोंटू धुआं के उलट इनसे निकलने वाले आरोम से अतिशबाजी खुशबुदार भी बन जाती है। आप सभी को दीवाली की शुभकामनाएं। अपना ध्यान रखें और पटाखे रहित दीवाली मनाएं। जय श्रीराम।

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