Tuesday, 30 November 2021
गरीबों में कमी आने का दावा
केंद्र सरकार का मानना है कि वित्त वर्ष 2016 से लेकर 2020 के बीच सरकार की ओर से चलाई जा रहीं कल्याणकारी योजनाओं की वजह से भारत में जमीनी स्तर पर सुधार हुआ है और यह देखने को भी मिल रहा है। सरकार के एक्सप्लेनर नोट में बताया गया यहै कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण एनएफएचएस-5 के पांचवें दौर के प्रारंभिक निष्कर्षों ने कल्याणकारी लक्ष्यों में सुधार का सुझाव दिया है, जो अभाव में कमी दर्शाता है यानि गरीबी दूर करने के विभिन्न मानकों में सुधार हुआ है। सरकार की ओर से कहा गया है कि जब राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) का अगला एडिशन आएगा तो उसमें सुधार भी दिखाई देगा। आधारभूत राष्ट्रीय एमपीआई 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के चौथे दौर के आधार पर तैयार किया गया था। एनएफएचएस-5 सर्वे 2019-20 के बीच किया गया है। सरकार का दावा है कि 24 नवम्बर को जारी एनएफएचएस के आंकड़े शुरुआती दौर में देखने पर काफी उत्साहजनक लग रहे हैं। रिपोर्ट में स्वच्छ खाना पकाने के तेल, स्वच्छता और बिजली तक पहुंच में सुधार का सुझाव दिया गया है। यह अभाव में कमी को दर्शा रहा है। इसके अतिरिक्त 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए जारी राज्यों की रिपोर्ट में स्कूल में उपस्थित पेयजल, बैंक खातों और आवास में कमी को दूर करने का सुझाव दिया गया है। यह सुधार एनएफएचएस-5 घरेलू माइक्रो डाटा पर आधारित आगामी सूचकांक में बहुआयामी गरीबी की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी की समग्र दिशा का संकेत देते हैं। एनएफएचएस के चौथे राउंड के बाद से प्रमुख योजनाओं के माध्यम से मिल रहे फैक्ट शीट और नेशनल एमपीआई आधार पर आने वाली रिपोर्ट में भी दिखाई देता है।
-अनिल नरेन्द्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment