Published on 27 September, 2012
अनिल नरेन्द्र
मनमोहन सिंह सरकार के घोटालों का पर्दाफाश
होने का सिलसिला थम ही नहीं रहा है। धरती, आकाश के बाद अब समुद्र में भी घोटाले का
पता चला है। आकाश (2जी स्पेक्ट्रम) धरती (कोयला आवंटन घोटाला) के बाद अब समुद्र में
भी घोटाले से अछूती नहीं रही यह सरकार। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में खनिज सम्पदा
की खोज के लिए ब्लॉकों के आवंटन में घोटाले की सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। समुद्र
में खनिज की खोज के लिए कुल 63 ब्लॉकों में से 28 ब्लॉक प्रवर्तन निदेशालय के एक पूर्व
अधिकारी के परिवार से जुड़ी चार कम्पनियों को आवंटित किए जाने का आरोप है। सीबीआई सूत्रों
के अनुसार प्रारम्भिक जांच के केस में नागपुर स्थित केंद्रीय खनन ब्यूरो और केंद्रीय
खान मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के साथ-साथ चारों निजी कम्पनियों और उनके निदेशकों
को भी आरोपी बनाया गया है। जिन चार कम्पनियों को लगभग आधे खनिज ब्लॉक आवंटित किए गए
हैं वे ईडी के पूर्व अधिकारी अशोक अग्रवाल ईडी के पहले खान मंत्रालय में भी काम कर
चुके हैं। ईडी में काम करते हुए अग्रवाल रक्षा दलाल अभिषेक वर्मा के साथ संबंधों में
भी सुर्खियों में रहे थे। समुद्र के भीतर प्रचुर मात्रा में मौजूद खनिज सम्पदा को निकालने
के लिए खान मंत्रालय ने पहली बार 2010 में 63 ब्लॉकों के लिए टेंडर जारी किए। कुल
377 कम्पनियों ने आवेदन किया। मार्च 2011 में खान मंत्रालय ने आवंटित ब्लॉकों की सूची
जारी की। इनमें से 28 ब्लॉक एक ही परिवार से
जुड़ी चार कम्पनियों को दिए जाने का विरोध करते हुए कुछ कम्पनियों ने मुंबई और हैदराबाद
हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने आवंटन प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सीबीआई
को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया। हाई कोर्ट के इसी आदेश के तहत सीबीआई ने प्रारम्भिक
जांच कर केस दर्ज किया है। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल्द इस संबंध
में खान मंत्रालय और केंद्रीय खनन ब्यूरो के अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
साथ ही खान मंत्रालय को आवंटन से जुड़े सभी दस्तावेज जांच एजेंसी को सौंपने के लिए
कहा जाएगा। बड़े दुख की बात है कि मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान घोटाले दर
घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है। इस सरकार ने तो किसी क्षेत्र को नहीं छोड़ा। देश को
पता नहीं कितने अरबों का नुकसान हुआ है। पता नहीं कभी भी इसका सही आंकलन होगा भी या
नहीं कि देश को कितना लूटा गया है? धरती, आकाश और अब समुद्र कहीं भी तो नहीं छोड़ा
गया और यह सब कुछ ईमानदार प्रधानमंत्री की आंखों के नीचे हुआ। फिर भी वह मिस्टर क्लीन
हैं। मिस्टर क्लीन ने तो देश को लूटने का जैसे लाइसेंस ही दे दिया हो, जहां अवसर मिले
लूट लो। पता नहीं अभी और कितने घोटालों का पर्दाफाश होना बाकी है?
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