Thursday, 13 September 2012

चीनी रक्षामंत्री जनरल लियांग की भारतीय पायलटों को नकदी भेंट ?

 Published on 13 September, 2012

अनिल नरेन्द्र

हाल ही में भारत आए चीनी रक्षामंत्री ने वह काम किया जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। बेहद चौंकाने वाले कदम में चीनी रक्षामंत्री जनरल लियांग गुआंगलेई ने मुंबई से दिल्ली लेकर आए भारतीय वायुसेना के पायलटों को नकद एक लाख रुपए का तोहफा दिया। हालांकि कूटनीतिक संवेदनशीनलता का लिहाज करते हुए यह पैसा लौटाया नहीं गया है। लेकिन सरकारी नियमों के मुतािबक इस राशि को कोषखाने में जमा करा दिया गया है। वायुसेना सूत्रों ने बताया कि मेहमान रक्षामंत्री ने विमान के कैप्टन को तोहफे में एक लिफाफा दिया। चीनी रक्षामंत्री के जाने के बाद जब पायलट ने उसे खोला तो उसमें नकद राशि थी। मामले को मेन ऑफ कमांड की परम्परा के मुताबिक उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दिया गया। विदेशी मेहमानों द्वारा घरेलू उड़ान के दौरान पायलटों को पतीकात्मक तोहफों की परम्परा तो है, लेकिन इस संबंध में चीनी परम्परा क्या है, कहना मुश्किल है। लिहाजा रिश्तों व भावनाओं की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए धनराशि को लौटाया नहीं गया। दिलचस्प बात यह भी है कि वायुसेना के दो पायलटों को एक लाख रुपए असामान्य सौगात देने के बाद चीन के रक्षामंत्री भारत के रक्षामंत्री एके एंटनी द्वारा दी गई दावत पर वायुसेना के बैंड को भी ऐसी ही भेंट करना चाहते थे। सूत्रों ने बताया कि यह योजना सफल नहीं हो पाई क्योंकि भारतीय पक्ष यह कहते हुए उन्हें ऐसा न करने के लिए मना किया कि ऐसी कोई परिपाटी हमारे यहां नहीं है। यह बात चार सितम्बर की है जब शाम को जनरल लियांग इंडिया गेट के समीप वायुसेना के आकाश अफसर मेस में थे। उस दौरान वायुसेना का बैंड हिंदी और चीनी गाने बजा रहा था जो चीनी पक्ष को खूब रास आया। सूत्रों ने कहा कि कार्यकम के अंत में वायुसेना के बैंड को चीनी पक्ष ने कोई सौगात नहीं दी। क्या जनरल लियांग ने यह गलती की या फिर इसके पीछे कोई उद्देश्य था? भारतीय सुरक्षा अधिकारियों और विशेषज्ञों के अनुसार यह कोई गलती नहीं थी यह तो हमारे पायलटों की नीयत को टेस्ट करना था। यह देखना था कि कल को पैसे से इनसे स्पाइंग कराई जा सकती है या नहीं? क्या भारतीय पायलट रिश्वत ले सकते हैं? ऐसे वाक्यों से दोनों देशों में अविश्वास बढ़ेगा, घटेगा नहीं। यह किसी से छिपा नहीं है कि चीन हर तरह के हथकंडे  अपनाता है अपना मकसद पूरा करने के लिए। कभी-कभी  यह टेस्ट केस भी बनाते हैं कि चलो दाना डालो देखें कि भविष्य में क्या यह हमारे काम आ सकते हैं? चीनी हर काम सोच समझ के करते हैं। हम यह मानने को तैयार नहीं कि यह एक गलती थी जो भूल चूक से हो गई। चीन भारत का कभी मित्र नहीं हो सकता है। चारों तरफ से वह भारत को घेरने की साजिश में लगा रहता है। पाकिस्तान तो उसकी मुट्ठी में आ चुका है। पाकिस्तानी कश्मीर में चीन तेजी से घुसपैठ और कब्जा करता जा रहा है। आए दिन वह भारत को 1962 के युद्ध की याद दिलाता रहता है। चीन से भारत को हमेशा चौकस रहने की जरूरत है। मौका मिलते ही यह भारत को डसने से चूकता नहीं।

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