Thursday 6 September 2012

नरेन्द्र मोदी से बेहतर पीएम होंगे नीतीश कुमार ः सुशील मोदी


 Published on 6 September, 2012
अनिल नरेन्द्र

एनडीए के प्रस्तावित पीएम उम्मीदवार को लेकर भाजपा में घमासान मचा हुआ है। नरेन्द्र मोदी बनाम नीतीश कुमार विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को नरेन्द्र मोदी से बेहतर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बता दिया। समय-समय पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की खिलाफत करने वाले सुशील कुमार मोदी के इस बयान से राजग में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर सियासी पारा एक बार फिर गरम हो गया है। सुशील कुमार ने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश में एक बेहतर प्रधानमंत्री बनने की सभी खूबियां हैं। एक अखबार को दिए साक्षात्कार में सुशील कुमार ने यह बातें कही हैं। वहीं नीतीश कुमार भी पहले एक साक्षात्कार में कह चुके हैं कि उन्हें राजग की ओर से सेक्यूलर छवि वाला शख्स ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में मंजूर होगा। जाहिर है उन्होंने नाम लिए बिना ही साफ कर दिया था कि नरेन्द्र मोदी उन्हें गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री के रूप में मंजूर नहीं होंगे। इसके बाद से ही राजनीतिक विशेषज्ञ कयास लगा रहे हैं कि नीतीश ने खुद को प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल करने के लिए यह दाव चला है। ऐसे में सुशील कुमार मोदी का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेशक खुद को प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल होने से इंकार करते रहें पर जिस तरीके से उनके सिपहसलार बयान दे रहे हैं उससे उनकी महत्वाकांक्षा सामने आ गई है। दिखाने के लिए जद (यू) ने सुशील कुमार की टिप्पणी से खुद को अलग करने का प्रयास किया है। जद (यू) ने साफ कर दिया है कि नीतीश पीएम पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में अभी कम से कम दो साल की देर है और भाजपा ने किसी नेता को अधिकृत तौर पर पीएम पद का दावेदार घोषित नहीं किया। हां, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी प्राथमिकता नरेन्द्र मोदी की बता दी है। हाल के दंगे के फैसले से नरेन्द्र मोदी की दावेदारी को निश्चित रूप से धक्का लगा है। बीच में यह भी हवा चली थी कि नीतीश कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं। राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नीतीश ने खुलकर कांग्रेस उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का साथ दिया था। तभी से यह अटकलें लगने लगीं कि शायद अन्दरखाते नीतीश और कांग्रेस की कोई सैटिंग हो चुकी है। हालांकि सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश के यूपीए में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता। नीतीश कांग्रेस के धुर-विरोधी हैं। सुशील कुमार ने जद (यू) और भाजपा के गठबंधन को चट्टान की तरह मजबूत बताया। इसलिए बकौल मोदी  नीतीश के कांग्रेस के डूबते जहाज में सवार होने का सवाल ही नहीं उठता। सुशील कुमार के इस बयान पर बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली में पार्टी के सह-प्रभारी रामेश्वर चौरसिया ने गहरा ऐतराज जताया है। वह कहते हैं कि ऐसे बयान से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है। जो लोग ऐसा बयान देते हैं उन्हें उसी दल में चले जाना चाहिए जिसे वे अच्छा समझते हैं। ऐसे बयान देने वालों को पार्टी पर भरोसा नहीं है और वे अपना आत्मविश्वास खो चुके हैं।

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