Thursday 6 September 2012

अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती कूरता का ताजा उदाहरण


 Published on 6 September, 2012
अनिल नरेन्द्र

तालिबान की कूरता और अमानवीय व्यवहार की अकसर खबरें आती रहती हैं पर ताजा खबर ने तो सभ्य समाज को हिलाकर रख दिया है। अफगानिस्तान में सोमवार को काफी खूनखराबा हुआ, जिसमें कोई 30 लोगों की जानें चली गईं। तालिबान के कट्टरपंथियों ने दक्षिणी अफगानिस्तान के एक गांव में गा-बजाकर जश्न मना रहे 17 लोगों के सिर कलम कर दिए। हेलमंड प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता दाउद अहमदी ने 17 लोगों की हत्या के बारे में बताया, मैं दावे से कह सकता हूं कि यह तालिबान का काम है। याद रहे कि तालिबान शासन के दौरान संगीत और पार्टियों पर रोक थी और ऐसा करने वालों को सरेआम मौत के घाट उतार दिया जाता था। उन्होंने कहा कि दो महिलाओं और 15 पुरुषों का सिर कलम कर दिया गया। वह उस इलाके में संगीत बजाकर पार्टी कर रहे थे जो तालिबान के प्रभाव क्षेत्र में है। हेलमंड प्रांत के बशीर जिले में हुए तालिबानी हमले में तालिबान लगातार सैनिकों पर हमले बोल रहे हैं। मूसा कला जिला प्रमुख नेयतुल्लाह खान ने भी घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि ग्रामीणों ने संगीत के साथ पार्टी का आयोजन किया था। एक स्थानीय अधिकारी ने आशंका जताई है कि तालिबान की शिकार बनी महिलाएं शायद उस पार्टी में नाच रही थीं। दक्षिणी अफगानिस्तान में बंजारों जैसी जाति में महिलाओं के नाच-गाने के साथ गुप्त पार्टियां आयोजन करने का चलन है। दरअसल अफगानिस्तान महिलाओं के लिए नरक बनता जा रहा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 65 किलोमीटर दूर परवान प्रांत में एक कब्रिस्तान में अपनी बेटी तमन्ना का बेरहमी से कत्ल किए जाने के बाद उसे दफनाने आई उसकी मां सवेरा ने कहा ः मैं नहीं जानती कि मेरी बेटी का इतनी बेरहमी से क्यों कत्ल किया गया? सवेरा ने बताया कि रिश्तेदारों ने झूठी शान के लिए उसकी बेटी की हत्या कर दी है। तमन्ना (15) के परिजनों ने बताया कि उसकी बेटी को उनका एक रिश्तेदार काफी समय से परेशान कर रहा था लेकिन तमन्ना उसका विरोध कर रही थी। रिश्तेदारों ने परेशान करने वाले लड़के को रोकने की बजाय उल्टे तमन्ना की उसके साथ जबरन शादी करवा दी। लेकिन उसके पति ने उसे एक अच्छी और वफादार पत्नी का फर्ज न निभाने पर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। अफगानिस्तान में लड़कियों एवं महिलाओं को झूठी शान के लिए हत्या करने के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। एक स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के मुताबिक पिछले चार महीनों में 52 लड़कियों और महिलाओं की हत्या के मामले सामने आए हैं जिनमें 42 मामले झूठी शान के नाम पर किए गए हैं। परवान प्रांत में अब इसी प्रकार से मार्च से अब तक करीब आठ महिलाओं की हत्या के मामले सामने आए हैं। पिछले महीने खबर आई थी कि तालिबान ने सरेआम एक बुर्कानशीन महिला को मौत की सजा देते हुए गोलियों से भून दिया। इस महिला पर बदचलन का आरोप था। एक वीडियो में दिखाया गया कि यह महिला जमीन पर बैठी हुई है जबकि उससे कुछ दूर खड़े एक व्यक्ति ने उस पर एके-47 से नौ गोलियां चलाईं। न्यूयॉर्प टाइम्स के मुताबिक इस वीडियो ने अफगानिस्तान में तालिबान के पांच साल के उस शासन की याद दिला दी, जब लोगों की सजा रेडियो पर सुनाई जाती थी और अपराध के आरोपियों को सार्वजनिक स्थान पर गोली से उड़ा दिया गया था।
(लेखक वीर अर्जुन, सांध्य वीर अर्जुन व पताप के पधान सम्पादक हैं)


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