Saturday, 29 September 2012

सरकार ने बाबा रामदेव पर चौतरफा हमला बोल दिया है


 Published on 29 September, 2012
अनिल नरेन्द्र
योग गुरू बाबा रामदेव को सरकार हर तरफ से घेरने में जुट गई है। सरकार ने बाबा के खिलाफ एक साथ कई मोर्चे खोल दिए हैं। आचार्य बालकृष्ण पर पासपोर्ट केस में गलतबयानी करने का केस तो चल ही रहा है। इसके बाद बाबा की विदेशी सम्पत्ति का मामला उठाया गया। बाबा को विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 24 अगस्त को दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट  में 26 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा के अवैध लेन-देन के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया। दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ 26 लाख के अलावा पतंजलि आयुर्वेद लि. के खिलाफ 34 लाख रुपए के फेमा उल्लंघन का नोटिस भी जारी किया गया है। उत्तराखंड सरकार ने भी बाबा पर शिकंजा कसते हुए पतंजलि आयुर्वेद में रामदेव के निकट सहयोगी बालकृष्ण (ट्रस्टी) को झारखंड मेगा फूड में लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए के फेमा उल्लंघन के मामले में भी कारण बताओ नोटिस जारी कर रखा है। पिछले कुछ दिनों से खाद्य विभाग भी बाबा के खिलाफ सक्रिय हो गया है। 16 अगस्त को दादू बाग कनखल स्थित दिव्य योग मंदिर में खाद्य विभाग की टीम पहुंची। नगर निगम क्षेत्र के फूड सेफ्टी अफसर के नेतृत्व में टीम ने आरोग्य सरसों के तेल, बेसन, नमक, काली मिर्च, जैम और शहद के चार-चार सैम्पल भरे। सील किए गए नमूनों को जांच के लिए रुद्रपुर स्थित विभाग की लैब में भेजा। लैब से आई रिपोर्ट में कहा गया है कि बाबा रामदेव की कम्पनी द्वारा निर्मित प्रॉडक्टों में जनता के साथ सीधा धोखा किया जा रहा है। सैम्पल फेल हो गए हैं। बाबा सामान कहीं और बनवा रहे हैं और अपना लेवल लगाकर शुद्धता की गारंटी देते हुए बेच रहे हैं। जिलाधिकारी हरिद्वार सचिन कुर्बे के मुताबिक बाबा की फैक्ट्री को नोटिस जारी कर दिया गया है। अगर बाबा की कम्पनी चाहेगी तो सेंट्रल लैब जो पुणे में है से भी परीक्षण कराया जाएगा। पुणे से भी अगर राज्य लैब की रिपोर्ट की पुष्टि होती है तो बाबा की कम्पनी के विरुद्ध धारा 53 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। खबर तो यह भी आ रही है कि बाबा रामदेव के किराना उत्पादों में मिस-ब्रांडिंग व मिस-लीडिंग के लपेटे में उनका उत्पाद करने वाली मूल कम्पनियां आ गई हैं। बाबा के तीन प्रतिष्ठानों सहित कुल 15 कम्पनियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। उधर चौतरफा हमले झेल रहे बाबा रामदेव ने खाद्य विभाग की पतंजलि आयुर्वेद लि. के छह उत्पादों पर आई जांच रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने विभाग पर बिना तथ्य और प्रमाण के पतंजलि उत्पादों और खुद की साख को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कानूनी नोटिस भेजने की बात कही। बाबा ने आरोप लगाया कि यह काम दिल्ली स्थित कांग्रेस के मुख्यालय के इशारे पर किया गया। ऐसा दो अक्तूबर से एफडीआई के विरोध में देशभर में शुरू होने जा रहे स्वदेशी आंदोलन को रोकने की नीयत से किया गया। वर्ष 2011 के जिस एक्ट के तहत खाद्य विभाग ने पतंजलि उत्पादों की मिस-ब्रांडिंग और मिस-लीडिंग का आरोप लगाया है, उसी एक्ट में फरवरी 2013 तक कम्पनियों को अपने उत्पादों की नए एक्ट के तहत लेवलिंग करने का मौका दिया गया है। ऐसे में समय से पहले पतंजलि के उत्पादों पर इस तरह का आरोप लगाना कानूनन गलत है। बाबा रामदेव बुधवार शाम पतंजलि योग पीठ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिना तथ्य और प्रमाण के इस तरह झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा हमें और हमारे संस्थानों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। बाबा के अनुसार उनके ट्रस्ट द्वारा उत्पादित सभी उत्पाद शुद्ध एवं मिलावटहीन हैं। जिन वस्तुओं के नमूने फेल हुए उनमें आरोग्य बेसन, आरोग्य कच्ची घानी सरसों का तेल, नमक, काली मिर्च, लीची शुद्ध हनी, पाइन एपल जैम में खामी पाई गई है। यह सभी उत्पाद पतंजलि द्वारा बेचे जा रहे हैं। लेकिन इनका उत्पाद पतंजलि द्वारा न करके इसमें से सरसों के तेल का उत्पाद आर एण्ड जे ऑयल एण्ड डेट प्राइवेट लिमिटेड झोरवाड़ा जयपुर राजस्थान से तैयार कराया गया। इस पर आरोग्य लिखकर पतंजलि द्वारा अपना-अपना पतंजलि फूड पार्प का लेवल लगाकर बेचा जा रहा है। काली मिर्च के पैकेट में तो न्यूट्रिगनल वेल्यू का भी विवरण दर्ज नहीं है। नमक जिसको पतंजलि द्वारा मार्केट किया जा रहा है वह कच्छ गुजरात की एक अंकुर नामक कम्पनी द्वारा बेचा जा रहा है। शुद्ध शहद के नाम पर लीची के शहद को बेचा जा रहा है जिसमें शहद मात्र 5 प्रतिशत बताया जा रहा है। सरकार ने बाबा रामदेव पर चौतरफा हमला कर दिया है, अब देखना यह है कि इन आरोपों में कोई सच्चाई भी है या यह खालिस बदले की कार्रवाई है?



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