Thursday, 24 June 2021

यूपी में न 2017 में कोई चेहरा था, न 2022 में होगा

अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी में बहुत हलचल होने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में शामिल हुए अरविन्द कुमार शर्मा (एके शर्मा) को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब शर्मा का विवाद थम-सा गया है और उन्हें भाजपा संगठन में अहम जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। माना जा रहा था कि उन्हें सरकार या संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। हाल ही में उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया गया। अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में सीएम फेस को लेकर फैला भ्रम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को भाजपा दफ्तर में संगठन की मीटिंग में भाग लेने आए सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह कहकर इसे और आगे बढ़ा दिया कि चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ही यूपी में सीएम का चेहरा तय करेगा। उनका यह बयान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान के बाद आया है। केशव प्रसाद मौर्य भी यह कह चुके हैं कि भाजपा की परंपरा रही है कि केंद्रीय नेतृत्व ही सीएम फेस तय करता है। हम पहले केवल चुनाव जीतने पर ही फोकस कर रहे हैं। हालांकि इससे इतर यूपी के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह साफ कह चुके हैं कि प्रदेश में चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही होंगे। उनसे ज्यादा परिश्रमी और ईमानदार मुख्यमंत्री कौन है? स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों के इस सवाल पर कि भाजपा का सीएम फेस कौन होगा? कहा कि 2017 में भी भाजपा ने सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था। 2022 में भी संगठन और केंद्र ही इस बारे में आखिरी फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि हमें पहले चुनाव की तैयारी करनी है। इसके लिए संगठन ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। हम इस बार भी ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर आएंगे। उन्होंने दूसरी पार्टियों के नेताओं को भाजपा में आने का खुला न्यौता देते हुए कहा कि ऐसे नेताओं का भाजपा में स्वागत है। बसपा में हुई बगावत को लेकर स्वामी ने तंज कसते हुए कहा कि अब बसपा में मायावती के अलावा कोई बचा नहीं है। -अनिल नरेन्द्र

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