Saturday, 26 June 2021
मोदी से निपटने के लिए विपक्ष की गोलबंदी
देश में तीसरे मोर्चे के गठन की अटकलों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के घर पर आठ राजनीतिक दलों के नेता जमा हुए। सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे की अटकलों के बीच यह बैठक हुई। करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में कोरोना महामारी संस्थाओं पर हमले, महंगाई, किसानों और बेरोजगारी के मुद्दों पर मोदी सरकार की घेराबंदी हुई। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और वामदल शामिल हुए। करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक के बाद एनसीपी ने यह सफाई जरूर दी कि यह बैठक शरद पवार ने नहीं बल्कि राष्ट्र मंच ने बुलाई थी। बैठक में कांग्रेस की तरफ से कोई नेता शामिल नहीं हुआ। एनसीपी नेता मजीद मेनन ने कहा कि यह बैठक न तो भाजपा के खिलाफ पार्टियों को एकजुट करने के लिए बुलाई गई थी और न ही कांग्रेस का बहिष्कार करने के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के राष्ट्र मंच के तहत देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की। सिन्हा ने भी बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। दरअसल पिछले सात साल से राष्ट्रीय राजनीति के मैदान में अबाध रूप से दौड़ रहे भाजपा के सबसे बड़े नेता एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को थामना विपक्ष के लिए एक चुनौती बन गया है। बंगाल में भाजपा को मिली हार के बाद से विपक्ष को यह लगने लगा है कि मोदी और उनकी भाजपा को थामना उनके लिए मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं। मोदी विरोधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मोदी के खिलाफ एवं समन्वय नेतृत्व की है। विपक्षी दलों और उसके रणनीतिकारों को भी अब इसका भलीभांति से अहसास हो रहा है। इसलिए वह इस बैठक को भाजपा विरोधी या मोदी विरोधी दलों की बैठक बताने से पूरी तरह गुरेज कर रहे हैं। गत चुनाव में जब भी विपक्ष ने मोदी पर जितने भी व्यक्तिगत प्रहार किए मोदी ने उसी को हथियार बनाकर अपने विरोधियों को चित्त कर दिया। ऐसे में विपक्ष ने पहली बार अपनी रणनीति में परिवर्तन करते हुए मोदी की छवि को उनके कामकाज से ही तोड़ने की रणनीति बनाई है। अगर हम इस बैठक के एजेंडा और नेताओं के बयानों पर गौर करें तो यह बात अपने आपमें स्पष्ट हो जाती है। मजीद मेनन ने कहाöमीडिया में कहा जा रहा है कि शरद पवार की अगुवाई में भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने के लिए शरद पवार की अगुवाई में बैठक हुई है। यह पूरी तरह झूठ है। मैं इसे साफ करना चाहता हूं कि यह बैठकें बेशक पवार के आवास पर हुईं, लेकिन उन्होंने यह बैठक नहीं बुलाई थी। समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी ने कहाöहमने इस बात पर भी चर्चा की कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें किस तरह आम जनता पर असर डाल रही हैं। खासकर किसानों और मिडिल क्लास पर, राष्ट्र मंच एक स्थान बनाएगा, जहां कोई भी आ सकता है और सरकार तक आवाज पहुंचा सकता है। अगली बैठक में और लोगों को शामिल करने पर फोकस करेंगे। हालांकि शिवसेना, बसपा और दक्षिण भारत के किसी भी राजनीतिक दल का इस बैठक में शामिल न होना इस मंच पर सबसे बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है। कोई भी मोदी विरोधी मोर्चा बनेगा तो उसमें कांग्रेस का भी शामिल होना आवश्यक होगा। हो सकता है, इस मंच की अगली बैठक में तमाम मोदी विरोधी इकट्ठा हों।
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