Tuesday 15 June 2021

क्या 5जी से फैल रहा है कोरोना?

5जी को लेकर इन दिनों बहुत-सी बातें कही जा रही हैं। बता दें कि 5जी क्या है? यह नए जमाने की मोबाइल फोन प्रौद्योगिकी है, जिसके जरिये संचार और डेटा ट्रांसफर तीव्र गति से संभव हो सकेगा। अनुमान है कि यह मौजूदा 4जी से करीब 20 गुना अधिक तेज होगा। तकनीकी दुनिया में सूचनाओं का तीव्र आदान-प्रदान समय की जरूरत बन चुका है। 5जी के साथ डाटा नेटवर्क स्पीड 2.20 जीबी प्रति सैकेंड तक होने की उम्मीद है। 5जी का प्रभाव चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा। इन दिनों सोशल मीडिया में कोरोना से बिगड़ते हालात के लिए 5जी तकनीक को दोषी ठहराया जा रहा है। लेकिन अन्य देशों में, जहां 5जी की शुरुआत हो चुकी है, वहां इस तरह के किसी भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में भारत में यह कोरोना संक्रमण के फैलाव के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकता है? सेल्यूलर ऑपरेर्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि 5जी प्रौद्योगिकी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, वह पूरी तरह से गलत है। अभी तक जो भी प्रमाण उपलब्ध हैं उनसे पता चलता है कि अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी पूरी तरह सुरक्षित है। सीओएआई ने इस बात पर जोर दिया कि 5जी प्रौद्योगिकी पासा पलटने वाली होगी और इससे अर्थव्यवस्था और समाज को जबरदस्त फायदा होगा। सीओएआई, रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है। वैश्विक रूप से मान्य मानकों की तुलना में भारत के नियम अधिक सख्त हैं। वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य मानक की तुलना में भारत सिर्फ 10 प्रतिशत विकिरण की अनुमति है। वैज्ञानिकों ने भी इस बात का खंडन किया है कि 5जी परीक्षण और उसकी तकनीक से किसी प्रकार का संक्रमण फैल सकता है। 5जी मोबाइल टॉवर नॉन आयोइजिंग रेडियो फ्रीक्वैंसी छोड़ते हैं, जो मानव की सेहत के लिए हानिकारक नहीं हैं। जब भी कोई नई प्रौद्योगिकी आती है तो ऐसी ही अफवाहें उड़ाई जाती हैं। -अनिल नरेन्द्र

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