Tuesday, 29 June 2021

... और अब डेल्टा प्लस का तेजी से फैलता संक्रमण

जैसे-जैसे देश में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ रही है वैसे-वैसे कोरोना के तो मामले घटने लगे हैं, यह अच्छा संकेत है परन्तु एक नई चिन्ता बढ़ने लगी है। यह है कोरोना वायरस के नए स्वरूप डेल्टा प्लस की। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अब तक देश में अनुकृत (जीनोम) किए गए नमूनों में से कोविड के डेल्टा प्लस स्वरूप के 51 मामले सामने आए और इनमें से सबसे ज्यादा 20 मामले महाराष्ट्र से हैं। कहा जा रहा है कि डेल्टा प्लस बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है और आशंका जताई जा रही है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण यही स्वरूप बनेगा। लगता है कि दुनिया में कोरोना से मुक्ति का जो सपना देखा जा रहा है, उसमें डेल्टा प्लस वायरस का बदलता स्वरूप ही पलीता लगाने वाला है। कोविड-19 विषाणु जितनी जल्दी-जल्दी अपना स्वरूप बदल रहा है, उसके कारण समझने में कठिनाई आ रही है। हालांकि अन्य बीमारियों के विषाणु भी अपना स्वरूप बदलते हैं लेकिन कोरोना विषाणु के अब तक करीब एक हजार स्वरूप सामने आ चुके हैं। जाहिर है कि ऐसे में इसे नियंत्रित कर पाना मुश्किल काम है। माना जा रहा है कि भारत में पहली बार मिला डेल्टा विषाणु ही दूसरी लहर का कारण था। इसलिए भी डेल्टा प्लस से ज्यादा सतर्प रहने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख ट्रेटोस गेब्रेयेसस ने भी आगाह किया कि कम से कम 85 देशों में पाया गया कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप अभी तक सामने आए सभी स्वरूपों में सबसे अधिक संक्रामक है और यह उन लोगों में तेजी से फैल रहा है, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में पाया गया। एक ओर जहां सरकारें अपनी जनता को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण की रफ्तार तेज करती जा रही हैं, वहीं वायरस का बदलता स्वरूप भी इस चिन्ता को बढ़ा रहा है कि टीका कब तक हासिल होगा? कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन ही बचाने में फायदेमंद रहेगा।

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