Tuesday 29 June 2021

दिल्ली सरकार-केंद्र फिर आमने-सामने

देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जीवनदायिनी ऑक्सीजन के विकट संकट के चलते अनेकानेक कोविड मरीज असमय काल के गाल में समा गए। जहां एक तरफ मरीज ऑक्सीजन के लिए छटपटा रहे थे वहीं उनके परिवारजन उनके लिए ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए मारे-मारे फिर रहे थे। इस दौरान ऑक्सीजन संकट के लिए राज्यों खासतौर पर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। यह विवाद यहीं नहीं थमा और मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया। सुप्रीम कोर्ट के दखल से दिल्ली को केंद्र से मिलने वाला ऑक्सीजन का कोटा तो बढ़ गया पर उसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लिए ऑक्सीजन की सही जरूरत का पता लगाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन कर दिया। अब विशेषज्ञ समिति ने रिपोर्ट दी है कि दिल्ली ने अपनी जरूरत से चार गुणा अधिक ऑक्सीजन की मांग की। इसे लेकर एक बार फिर दिल्ली और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत के ऑडिट के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक उपसमूह ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की खपत बढ़ाचढ़ा कर बताई और 289 मीट्रिक टन की आवश्यकता के लिए फॉर्मूले से चार गुणा अधिक 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का दावा किया। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने कहा कि दिल्ली सरकार ने गलत फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हुए 30 अप्रैल को 700 एमटी मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का दावा किया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऑक्सीजन ऑडिट मामले पर पलटवार करते हुए भाजपा पर निशाना साधते हुए केंद्र सरकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से सवाल पूछते हुए कहा कि केंद्र और भाजपा के नेता जवाब दें और बताएं कि जब ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी द्वारा कोई रिपोर्ट जारी ही नहीं की गई तो यह रिपोर्ट कहां से और कैसे अस्तित्व में आई। भाजपा के नेताओं को चुनौती देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा के नेता बताएं कि यह तथाकथित रिपोर्ट कहां से आई? मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी केंद्र पर ऑक्सीजन रिपोर्ट मामले पर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा कि मेरा गुनाह है कि मैं दो करोड़ लोगों के लिए लड़ा। उन्होंने कहा कि जब आप चुनावी रैली कर रहे थे, तब मैं रातभर जाग कर ऑक्सीजन का इंतजाम कर रहा था। लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोया है। उन्हें झूठा मत कहिए, उन्हें बहुत बुरा लग रहा है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल के झूठ के कारण 12 राज्यों में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित हुई, क्योंकि सभी जगहों से ऑक्सीजन काट कर दिल्ली भेजनी पड़ी। इन राज्यों को ऑक्सीजन मिल जाती तो कई लोगों की जान बच सकती थी। केजरीवाल ने जघन्य अपराध किया है, इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में दोषी ठहराया जाना चाहिए। पैनल की मानें तो भी दिल्ली को 351 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी, जबकि केंद्र सरकार ने 289 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत का अनुमान लगाया था। वहीं कांग्रेस ने भी दिल्ली और केंद्र सरकार, दोनों पर सीधा हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस ने इसके लिए केजरीवाल सरकार और केंद्र के नेताओं समेत जिम्मेदार अधिकारियों पर भी हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की। प्रदेशाध्यक्ष अनिल कुमार ने सुप्रीम कोर्ट की ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली में 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की गई थी। सच्चाई यह है कि ऑक्सीजन की कमी से नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के कुप्रबंधन के कारण दिल्लीवासियों को अत्यंत कठिन समय में ऑक्सीजन की किल्लत से जूझना पड़ा और मौतें भी हुईं।

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