Thursday, 10 June 2021

चीनी टीका लगवाने वाले पाक नागरिकों पर बैन

अपने सबसे गहरे दोस्त चीन की वैक्सीन पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन गई है। सऊदी अरब समेत कई खाड़ी देशों ने चीनी टीके को मान्यता नहीं दी है। दूसरी तरफ इसे लगवाने वाले पाकिस्तानियों के आने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में अनेक खाड़ी देशों में पढ़ने, काम या हज के लिए जाने की उम्मीदों को झटका लगा है। इससे लोगों में जमकर गुस्सा बढ़ रहा है और वह प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार से सवाल पूछने लगे हैं। ऐसे में खुद प्रधानमंत्री इमरान खान को मार्केटिंग के लिए उतरना पड़ा है। इसमें उनका साथ दे रहे हैं गृहमंत्री शेख रशीद अहमद। इमरान खाड़ी देशों में इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं और उन्हें चीनी टीके के फायदे गिनाने में जुट गए हैं। दरअसल चीन की दो वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से तो मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन सऊदी अरब, यूएई समेत कई देश इन्हें स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इस वजह से पाकिस्तानी नागरिकों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में पीएम इमरान खान को उन्हें मनाने के लिए आना पड़ा है। चीनी वैक्सीन को लेकर नाराज पाकिस्तानी जनता अब इमरान खान सरकार से सवाल पूछ रही है। उनका कहना है कि जब चीनी वैक्सीन को दुनिया के दूसरे देश मंजूरी नहीं दे रहे तो इमरान सरकार ने यह वैक्सीन क्यों खरीदी? पाकिस्तान ने कुछ डोज रूस के स्पूतनिक के खरीदे हैं। अमेरिका या ब्रिटेन की वैक्सीन उनके पास नहीं है। ऐसे में नाराजगी बढ़ रही है। सऊदी अरब ने चीन की वैक्सीन लगवाने वाले पाकिस्तानियों की एंट्री पर सख्त रोक लगा रखी है। वह चीनी वैक्सीन वाला सर्टिफिकेट स्वीकार नहीं कर रहे। बहरीन में 60 प्रतिशत लोगों को चीनी वैक्सीन सिनोफार्म लगाई जा चुकी है। लेकिन जब संक्रमण नहीं रुका तो फाइजर की वैक्सीन लगाई जा रही है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में उन लोगों को फिर से फाइजर की वैक्सीन लग रही है, जिन्होंने चीनी टीका लगवाया था। -अनिल नरेन्द्र

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