Tuesday, 8 June 2021

घर-घर राशन योजना पर टकराव

दिल्ली में घर-घर योजना पर विवाद गहरा गया है। दिल्ली सरकार ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र ने राजधानी में 72 लाख राशन कार्डधारकों को लाभान्वित करने वाली महत्वाकांक्षी राशन योजना को रोक दिया और उसने इस कदम को राजनीति से प्रेति बताया। हालांकि केंद्र सरकार ने आरोपों को आधारहीन करार दिया है। केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि दिल्ली सरकार जिस तरह चाहे राशन वितरण कर सकती है और उसने दिल्ली सरकार को ऐसा करने से नहीं रोका है। बयान के मुताबिक वह किसी अन्य योजना के अंतर्गत भी ऐसा कर सकते हैं। भारत सरकार अधिसूचित दरों के अनुसार इसके लिए राशन उपलब्ध कराएगी। ऐसा कहना बिल्कुल गलत होगा कि केंद्र सरकार किसी को कुछ करने से रोक रही है। हालांकि घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने दावा किया कि उपराज्यपाल ने प्रस्ताव खारिज नहीं किया है जैसा दिल्ली सरकार द्वारा चित्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहाöनिजी बिक्रेताओं के माध्यम से लागू की जाने वाली योजना की अधिसूचना से संबंधित फाइल को उपराज्यपाल ने पुनर्विचार के लिए मुख्यमंत्री को लौटा दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक बीते 24 मई को फाइल मंजूरी के लिए एलजी ने यह कहकर लौटा दी है कि यह योजना शुरू नहीं की जा सकती है। वर्ष 2018 में जब यह योजना शुरू करने का ऐलान किया गया था तब से छह बार केंद्र को पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी, तब उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई। इस योजना के तहत हर लाभार्थीको चार किलो आटा, एक किलो चावल व चीनी घर पर प्राप्त होगी जबकि अभी चार किलो गेहूं, एक किलो चावल और चीनी उचित मूल्य की दुकान से मिलती है। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का दावा है कि एलजी ने फाइल लौटाने के पीछे दो प्रमुख कारण बताए हैं। पहला, इसे केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है और दूसरा, इसी से जुड़ा एक मामला अदालत में चल रहा है। राजभवन ने इसका खंडन]िकया है। राजभवन के सूत्रों ने आप सरकार के आरोपों का खंडन कते हुए कहा कि इस योजना पर नियम सम्मत तरीके से केंद्र की सहमति जरूरी है क्योंकि इससे खाद्य सुरक्षा एक्ट के प्रावधानों में बदलाव किया जा रहा है. यह विवाद बढ़ने वाला है। दोनों केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार अपने-अपने स्टैंड पर डटे हुए हैं। देखें, क्या हल निकलता है?

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