Friday, 25 June 2021
पोस्ट कोविड मरीजों में कॉर्डियेक अरेस्ट से मौतें
भारत में भले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आ रही हो, पर पोस्ट कोविड कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। दिल्ली-झारखंड समेत अन्य राज्यों में पोस्ट कोविड समस्या के साथ मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं विशेषज्ञों का दावा है कि पोस्ट कोविड मरीजों से अधिकतर की मौत कॉर्डियेक अरेस्ट से हुई है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसन विभाग के प्रमुख डॉक्टर जुगल किशोर के मुताबिक पोस्ट कोविड मरीजों में जो मधुमेह जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं उनमें रक्त का थक्का जमने के बाद हृदयगति रुकने की संभावना ज्यादा रहती है। झारखंड के रिम्स सहित राज्य के सभी अस्पतालों में पोस्ट कोविड समस्या के साथ मरीज पहुंच रहे हैं। पोस्ट कोविड समस्या के कारण मरीजों की मौत भी हो रही है। रिम्स क्रिटिकल केयर के इंचार्ज डॉक्टर पीके भट्टाचार्य ने बताया कि पोस्ट कोविड मामलों में अधिकतर मरीजों की मौत रेस्पिरेटरी क्रिसल और कॉर्डियेक अरेस्ट के कारण हो रही है। उन्होंने बताया कि पोस्ट कोविड मरीजों में अधिकतर मरीजों के फेफड़े खराब हैं, जिससे सांस लेने में बहुत समस्या हो रही है। ऐसे में आवश्यक ऑक्सीजन मेंटेन कर पाते हैं। वहीं थ्रामबोसिस के कारण मरीजों में खून के थक्के कई जगह जम जाते हैं, जो हार्ट तक पहुंच जाते हैं जिससे हार्ट अटैक हो रहे हैं। रिम्स अस्पताल में वर्तमान में पोस्ट कोविड के 29 मरीज भर्ती हैं। पोस्ट कोविड समस्या के कारण रिम्स में प्रतिदिन तीन से चार मरीजों की औसतन मौत हो रही है। मरने वालों की औसत उम्र 35 से 70 साल के बीच है।
-अनिल नरेन्द्र
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