Tuesday, 15 June 2021
कोहेन ने दी मौसाद की खुफिया जानकारियां
दुनिया की खुफिया एजेंसियों में सबसे उपर नाम आता है इजरायल की खुफिया एजेंसी मौसाद का। मौसाद की गतिविधियां इतनी गुप्त होती हैं कि शेष दुनिया को पता ही नहीं चलता। पर कभी-कभी इनके बारे में पता चलता है। हाल ही में इजरायल की खुफिया एजेंसी मौसाद के पूर्व प्रमुख मौसी कोहेन ने एक इजरायली टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ईरान के भीतर मौसाद की गतिविधियों के बारे में कुछ जानकारियां दी हैं, जिनकी काफी चर्चा हो रही है। उन्होंने इस इंटरव्यू में ऐसा संकेत दिया कि ईरान के नतांज स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्रों पर हुए हमले के पीछे मौसाद का ही हाथ था। अपने इस इंटरव्यू में कोहेन ने ईरान के वैज्ञानिकों को भी चेतावनी दी कि अगर वो परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा रहे, तो उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है। इस साल 11 अप्रैल को ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र पर हमले के बाद ईरानी अधिकारियों ने कहा था कि हमले में ईरान के सबसे बड़े परमाणु केंद्र की हजारों मशीनें या तो खराब हो गई हैं या बर्बाद हो गई हैं। लेकिन तब इजरायल के सरकारी रेडियो पर खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि यह इजरायल की खुफिया एजेंसी मौसाद का एक ऑपरेशन था। नतांज परमाणु केंद्र में 2020 में भी जुलाई में आग लग गई थी। तब ईरानी अधिकारियों ने इसे साइबर हमले का नतीजा बताया था। इस घटना को लेकर ईरान के विदेश मंत्री जव्वाद जरीफ ने कहा था कि ईरान नतांज हमले का बदला जरूर लेगा। उसके बाद इसी साल अप्रैल में एक और धमाका हुआ जिसने नतांज संयंत्र के भूमिगत हॉल को तोड़ दिया था। इन हमलों के लिए ईरान ने इजरायल को ही जिम्मेदार ठहराया था। अब जब कोहेन से नतांज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपने इंटरव्यू में सीधे तौर पर तो यह स्वीकार नहीं किया कि उन हमलों के पीछे मौसाद का हाथ ही था, लेकिन उन्होंने हमलों से जुड़ी कुछ हैरान करने वाली जानकारियां जरूर दीं। जब उनसे पूछा गया कि अगर ईरानी संयंत्र में जाने का मौका मिले तो वो कहां जाना चाहेंगे, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सेलार में जहां सैंट्रफ्यूज घूमा करता था। कोहेन ने अपने इंटरव्यू में कहाöहम ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे। यह उन्हें समझ क्यों नहीं आता। ईरान ने कोहेन के इस इंटरव्यू पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। मोहसिन फखरीजादेह की हत्याöअपने इंटरव्यू में मौसी कोहेन ने पुष्टि की कि ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह सालों से मौसाद की नजरों में थे। उन्होंने कहाöनवम्बर 2020 से पहले भी हमारे लोग फखरीजादेह के बहुत करीब रहे थे। नवम्बर 2020 में ईरान की राजधानी तेहरान के करीब एक हमले में फखरीजादेह की हत्या कर दी गई थी। ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नजर रखने वाले फखरीजादेह को बाखूबी जानते थे। साथ ही पश्चिमी देशों के अधिकांश सुरक्षा जानकार भी फखरीजादेह का परिचय ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुख्य कर्ताधर्ता के तौर पर करते थे। द टाइम्स ऑफ इजरायल अखबार के अनुसार बेंजामिन नेतन्याहू ने ही दिसम्बर 2015 में मौसी कोहेन को मौसाद चीफ बनाया था। अखबार ने लिखा है कि कोहेन ने अपने इंटरव्यू में जिस तरह की जानकारियां दी हैं, वो सामान्य नहीं हैं। उन्होंने बहुत सारी चीजों पर रोशनी डाली है। उनके इंटरव्यू को देखकर लगता है कि जरूर इजरायली सेना से इसकी समीक्षा करवाई गई होगी और उनसे मंजूरी ली गई होगी। मगर एक खुफिया सेवा (वह भी मौसाद जैसी एजेंसी) के प्रमुख रहे इंसान के लिए इतने खुलकर बात करना कोई सामान्य बात नहीं है।
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