Thursday, 10 June 2021
कोवैक्सीन बनाम कोविशील्ड ः किसमें अधिक प्रतिरक्षा?
कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से ज्यादा प्रतिरक्षा बनती है। हालांकि दोनों टीके मानव प्रतिरक्षा को मजबूत करने में बेहतर हैं। दोनों टीकों की खुराक ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए अध्ययन से यह बात सामने आई है पर अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और इसे छपने से पहले जारी किया गया है। इस अध्ययन में 13 राज्यों के 22 शहरों में 515 स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया। इनमें से 305 पुरुष और 210 महिलाएं थीं। अध्ययन में शामिल होने वालों के खून के नमूनों में प्रतिरक्षा और इसके स्तर की जांच की गई। अध्ययन के अग्रणी लेखक और डीजी अस्पताल एवं मधुमेह संस्थान, कोलकाता में कंसलटेंट इंड्रोक्राइलॉजिस्ट (मधुमेह रोग विशेषज्ञ) अवधेश कुमार सिंह ने ट्वीट किया कि दोनों खुराक लिए जाने के बाद दोनों टीकों ने प्रतिरक्षा को मजबूत करने का काम किया। हालांकि कोवैक्सीन की तुलना में सीरो संक्रमण दर और प्रतिरक्षा स्तर कोविशील्ड में ज्यादा रहा। कोवैक्सीन की खुराक लेने वालों की तुलना में कोविशील्ड लेने वाले ज्यादातर लोगों में सीरो सकारात्मकता दर अधिक थी। अध्ययन के लेखक ने कहा कि 515 स्वास्थ्यकर्मियों में दोनों टीकों की खुराक लेने के बाद 95 प्रतिशत में सीरो सकारात्मक दिखी। इनमें से 425 लोगों ने कोविशील्ड और 90 लोगों ने कोवैक्सीन की खुराक ली थी और सीरो सकारात्मकता दर क्रमश 98.1 प्रतिशत और 80 प्रतिशत रही। सीरो सकारात्मकता का सन्दर्भ किसी व्यक्ति के शरीर में बनने वाली प्रतिरक्षा से है। अहमदाबाद के बिजमंडल मधुमेह केंद्र, कोलकाता के जीडी अस्पताल व मधुमेह संस्थान, धनबाद के मधुमेह एवं हृदय शोध केंद्र और जयपुर में राजस्थान अस्पताल और महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान महाविद्यालय और अस्पताल के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके का निर्माण कर रही है। वहीं हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बॉयोटेक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ तालमेल से कोवैक्सीन का निर्माण कर रहे हैं। अध्ययनकर्ताओं ने कोरोना विषाणु से संक्रमित हो चुके और जो लोग संक्रमित नहीं भी हुए उनमें दोनों खुराक लेने के बाद के नतीजों की तुलना की। ऐसा पाया गया कि जो प्रतिभागी दोनों टीकों की पहली खुराक के कम से कम छह सप्ताह पहले कोविड-19 से उबर गए थे और बाद में दोनों खुराक ले ली थीं, उनमें सीरो सकारात्मकता दर 100 प्रतिशत रही और दूसरों की तुलना में उनमें एंटीबॉडी का ज्यादा स्तर था।
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