Thursday, 10 June 2021
26 हजार बच्चों ने माता-पिता में से एक को खोया
कोरोना महामारी के कहर से पूरा देश परेशान है, लेकिन इसका सबसे बुरा प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है। एक अप्रैल 2020 से लेकर 5 जून, 2021 के बीच 3621 बच्चे कोरोना के चलते अनाथ हो गए। इतना ही नहीं देशभर में 26,176 बच्चों ने माता-पिता में से किसी एक को खोया है। इससे बच्चों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। यह जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को दी। वहीं, केन्द्र सरकर ने कहा कि वह पीएम केयर्स फंड के तहत अनाथ हुए बच्चों के लिए राहत योजना की रूप रेखा तैयार कर रही है। आयोग ने कोर्ट को बताया, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से जानकारी एकत्र करने के बाद बाल स्वराज पोर्टल पर संकट में आए 30,071 बच्चों को पंजीकृत किया गया है। ये वे बच्चे हैं जिन्होंने या तो अपने माता-पिता दोनों या माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 7,084 मामले सामने आए हैं जबकि 3172 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। राजस्थान में 2082 मामले सामने आए है। आयोग की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को लेकर पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारों का रवैया असंवेदनशील है क्योंकि इन दोनों राज्यों ने अनाथ बच्चों के संदर्भ में अभी पूरी जानकारी मुहैया नहीं कराई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सभी राज्यों को बच्चों के उपचार की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। उम्मीद की जाती है कि बहुत जल्द इन अनाथ बच्चों की परवरिश का पुख्ता प्रबंध किया जाएगा। इनको सबसे ज्यादा मदद की आवश्यकता है।
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