Thursday, 10 June 2021
मेहुल चोकसी की फिल्मी कहानी...(1)
पंजाब नेशनल बैंक से 13,578 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के अभियुक्त मेहुल चोकसी ने कहा है कि उन्हें एंटीगुआ से अगवा करके डॉमिनिका ले जाया गया। उन्होंने दावा कि उनके अपहरणकर्ताओं ने उनसे कहा था कि डॉमिनिका में उनकी बातचीत एक शीर्ष भारतीय मंत्री से कराई जाएगी। मेहुल चोकसी ने दो जून को अपने वकीलों के जरिये एंटीगुआ पुलिस के पास अपने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में उन्होंने बड़े दावे किए हैं। शिकायत में अपने अपहरण की कहानी बताते हुए चोकसी कहते हैंö23 मई को बारबरा जाबरिका ने मुझे अपने घर से पिक करने के लिए कहा था। मैं उसे कुछ महीनों से एक दोस्त के तौर पर जानता था और वो कुछ दिनों तक हमारे घर के सामने रहती थी। 23 मई की शाम करीब 5 बजे मैं बारबरा जाबरिका के घर में दाखिल हुआ, तो कुछ देर बाद वहां 8-10 हट्टे-कट्टे लोग आए, जो खुद को एंटीगुआ पुलिस का बता रहे थे। उन्होंने मुझे बुरी तरह पीटा, मेरी खाल पर करंट लगाया, जिससे मैं जल गया। उन्होंने मेरा फोन, रोलेक्स घड़ी और पर्स ले लिया। फिर वो मेरी आंखों पर पट्टी बांधकर मुझे ले जाने लगे। चोकसी की शिकायत के मुताबिक उन्हें जाबरिका के घर के पीछे एक छोटी नाव में ले जाया गया। फिर वहां से कहीं और ले जाने के बाद उन्हें एक बड़ी नाव में रखा गया और फिर आंखों से पट्टी हटाई गई। चोकसी के मुताबिक दूसरी नाव में शिफ्ट किए जाने पर उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें पुलिस के पास नहीं ले जाया जा रहा है। बड़ी नाव में दो भारतीय मूल के और तीन कैरिबियाई मूल के लोग थे। उन्होंने अब तक जो भी किया था, उससे लगा कि दोनों भारतीय अनुभवी मर्सिनरीज (किराये के बदमाश) हैं, जिन्हें मुझे हिंसक और अवैध तरीके से किडनैप करने के लिए ही हायर किया गया था। मर्सिनरी भाड़े के उन लोगों को कहा जाता है जो पैसों के बदले सैनिकों जैसे काम करते हैं। माना जाता है कि आमतौर पर यह लोग अकेले ही काम करते हैं। साल 2020 में नेट फिल्क्स पर आई फिल्म एक्सड्रैक्शन ऐसे ही कुछ मर्सिनरीज पर आधारित थी। चोकसी की पांच पन्नों की शिकायत में लिखा हैöनाव पर मौजूद एक भारतीय ने मुझे बताया कि वो पिछले एक साल से मुझ पर निगाह रख रहे थे, वो जानते थे कि मैं कहां वॉक करने जाता हूं और मेरा फेबरेट रेस्तरां कौन-सा है। दूसरे भारतीय ने मुझसे पैसों और बैंक खातों के बारे में पूछा। मेरे कुछ पूछने पर मुझे गोलमोल जवाब दिए गए। उनमें से एक भारतीय ने मुझसे कहा कि मुझे एक बड़े भारतीय नेता को इंटरव्यू देने के लिए इस खास लोकेशन पर लाया गया है। डॉमिनिका में मेरी नागरिकता फिक्स करके मुझे जल्द ही भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा। भारत सरकार की ओर से इस मामले में अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया गया है। चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए अलग-अलग भारतीय एजेंसियों के अधिकारियों की जो टीम डॉमिनिका गई थी, वह करीब सात दिन कैरिबियाई देश में रहने के बाद जून के पहले हफ्ते में भारत लौट आई है। चोकसी 24 मई से डॉमिनिका में ज्यूडिशल कस्टडी में हैं और उन पर अवैध रूप से डॉमिनिका में घुसने का ट्रायल चल रहा है। डॉमिनिका पुलिस ने कोर्ट में दावा किया कि उन्होंने चोकसी को 23 मई की रात साढ़े 11 बजे तट के पास संदेहास्पद अवस्था में गिरफ्तार किया था। हालांकि पुलिस ने उन पर अवैध रूप से डॉमिनिका में घुसने का आरोप 26 मई को तय किया था। किडनैपिंग के बाद खुद को छोड़े जाने को लेकर चोकसी ने शिकायत में लिखा हैöजब उन लोगों को अहसास हुआ कि उनका प्लान खराब हो गया है, तो इनमें बेचैनी फैल गई। उनके पास बार-बार रेडियो कॉल आ रहे थे कि मेरा ऑपरेशन अभी तक पूरा क्यों नहीं हुआ? उन्होंने पहले तो 1500 डॉलर मुझे वापस कर दिए थे, लेकिन बाद में उन्होंने यह पैसा फिर से लेकर नाव वाले को दे दिए। (क्रमश)
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