Wednesday, 16 June 2021
भारत सरकार के कुछ कदम लोकतांत्रिक मूल्य विरोधी
अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों से कहा है कि भारत मजबूत कानून-व्यवस्था के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना हुआ है, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदियों समेत भारत सरकार के कुछ कदमों से चिंताएं पैदा हो गई हैं जो उसके लोकतांत्रिक मूल्यों के परस्पर विरोधी हैं। दक्षिण और मध्य एशिया के कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री डीन थॉम्पसन ने एशिया, मध्य एशिया पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति को हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में लोकतंत्र पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणियां कीं। थॉम्पसन ने कहाöभारत मजबूत कानून-व्यवस्था और स्वतंत्र न्यायपालिका के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तथा उसकी अमेरिका के साथ मजबूत और बढ़ती रणनीतिक साझेदारी है। हालांकि भारत सरकार के कुछ कदमों ने चिंताएं पैदा कर दी हैं जो उसके लोकतांत्रिक मूल्यों की परस्पर विरोधी हैं। उन्होंने कहाöइसमें अभिव्यक्ति की आजादी पर बढ़ती पाबंदियां और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व पत्रकारों को हिरासत में लेना शामिल है। उन्होंने कहा कि अमेरिका नियमित तौर पर इन मुद्दों पर बातचीत करता रहता है। बहरहाल भारत ने विदेशी सरकारों और मानवाधिकार समूहों की उन आलोचनाओं को खारिज कर दिया था कि देश में नागरिक स्वतंत्रता का क्षरण हुआ है। भारत ने कहा कि उसकी भलीभांति स्थापित लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं हैं और सभी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए मजबूत संस्थान हैं। भारत सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि हमारा संविधान मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए अनेक विधानों के तहत पर्याप्त संरक्षण प्रदान करता है। सांसदों के एक सवाल के जवाब में थॉम्पसन ने कहा कि पाकिस्तान और बंगलादेश में पत्रकारों पर कुछ पाबंदियों को लेकर अमेरिका चिंतित है।
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