Friday 17 December 2021

रोहिणी कोर्ट में आईईडी से हुआ था धमाका

दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में गुरुवार सुबह बम ब्लास्ट से हड़कंप मच गया। बम को एक लैपटॉप बैग के अंदर टिफिन में छिपाकर रखा गया था। यह धमाका कोर्ट नम्बर 102 में हुआ। धमाके में नायब कोर्ट हेड कांस्टेबल राजीव गंभीर रूप से घायल हो गए। सूत्रों के मुताबिक उन्हें बम धमाके में निकले छर्रे लगे हैं। शरीर में कई जगह टांके भी आए हैं। वहीं एक अन्य व्यक्ति भी मामूली रूप से घायल हुआ है। इस धमाके के बाद रोहिणी कोर्ट में भगदड़ मच गई थी। इस धमाके से कोर्ट में फायरिंग की अफवाह तेजी से फैली। मगर कुछ ही देर में स्थिति साफ हो गई। पुलिस के अलावा दमकल की सात गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। वारदात के पीछे आतंकी कनेक्शन होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। एक सूत्र के अनुसार धमाका आईईडी से हुआ था। इसके लिए तीन सौ ग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। इसे टिफिन में रखा गया था। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सही तरीके से सेट नहीं किया गया था। इस कारण बड़ा हादसा टल गया। अब तक की जांच में पुलिस को विस्फोटक रखने वाले के बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। काले रंग का एक डिवाइस मिला है। पुलिस इसे आतंकी हमला मान रही है। विस्फोटक में तीन सौ ग्राम अमोनिया नाइट्रेट, बैटरी, तार और पहली बार बम में छोटे स्क्रू का इस्तेमाल किया गया था साथ ही बम में शीशे के टुकड़े भी डाले गए हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से बम तैयार किया गया था, उससे काफी ज्यादा नुकसान हो सकता था। सुबह 10ः30 बजे जिस समय यह ब्लास्ट हुआ संयोग से उस समय सुनवाई शुरू नहीं हुई थी। महानगर दंडाधिकारी कोर्ट रूम में नहीं आए थे। कोर्ट रूम में चंद लोग ही थे। लैपटॉप बैग को कठघरे के पास रखा दिया गया था। कोर्ट कर्मचारी की मानें तो धमाका काफी तेज था, जिससे 15 मिनट तक सुनाई देना बंद हो गया था। अगर भरी अदालत के अंदर बम क्षमता वाला होता तब जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था। सीसीटीवी कैमरे की जांच के दौरान पुलिस को कई काले बैग लेकर जाते लोग दिखे हैं। उन सभी लोगों के बारे में पुलिस जानकारी हासिल कर रही है। बताया जा रहा है कि गैंगस्टर मंजीत महाल की पेशी होनी थी। इसको लेकर भी इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा सकता है। वहीं सूत्रों का कहना है कि गाड़ियों से कोर्ट परिसर में आने वालों की ठीक से जांच नहीं हो पाती है। गाड़ियां भूमिगत पार्किंग में खड़ी की जाती हैं, जहां आठ लिफ्ट हैं। इसमें से सात लिफ्ट के पास तलाशी की व्यवस्था है और एक में नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को रोहिणी में तीन लोगों की मौत के बाद आवश्यक संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात करने और उपकरण लगाने के लिए एक विशेष टीम द्वारा अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था की समय-समय पर समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि रोहिणी कोर्ट में 24 सितम्बर को एनकाउंटर भी हुआ था। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने अदालत परिसरों में सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित मामलों में पारित आदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस मुख्य रूप से नियमित और निरंतर सुरक्षा के लिए पर्याप्त कर्मियों की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी के लिए जिम्मेदार है। इसके लिए आवश्यक बजटीय आबंटन दिल्ली सरकार करेगी, अगर यह आतंकी हमला था तो यह बड़े हमले का ट्रायल भी हो सकता है। इसलिए पुलिस को तैयार रहना होगा, सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त करना होगा। अदालतों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। -अनिल नरेन्द्र

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