Tuesday 28 December 2021

नोट गिनते-गिनते हांफ गईं नोट गिनने वाली मशीनें

समाजवादी इत्र बनाने वाले कारोबारी पीयूष जैन के ठिकाने पर कर चोरी मामले में कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी रही। यहां मिली नकदी को गिनने में मशीनें भी हांफ गईं। गरम होकर कई बार बंद हो गईं। इस पर जांच टीम को 13 और मशीनें मंगानी पड़ीं। नोटों को रखने के लिए 80 बॉक्स मंगवाए गए और इन्हें ले जाने के लिए कंटेनर मंगाया गया। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की टीम ने दो दिन में 175 करोड़ रुपए की नकदी मिलने की पुष्टि की है। संभवत प्रदेश में इतनी बड़ी बरामदगी कानपुर व उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुई है। छापे के बाद दूसरे दिन कस्टम और आयकर के अधिकारी भी जांच के लिए पहुंचे। हालांकि आयकर टीम ने अभी जांच शुरू नहीं की है। पीयूष जैन खुद फरार हैं। जबकि बेटे प्रियांश जैन को हिरासत में ले लिया गया है। पीयूष मूल रूप से कन्नौज के छिपट्टी का निवासी है। वहां भी उसकी कंपनियां हैं। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर चल रही जीएसटी की कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कहा जा रहा है कि पीयूष जैन के बहाने सरकार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सबसे करीबी समाजवादी पार्टी के एमएलसी पुष्पराज जैन उर्प पम्मी जैन को अखिलेश का खजांची और पीयूष जैन का करीबी माना जाता है। कुछ दिन पहले जिस तरह से एक बड़े कपड़ा व्यापारी समेत अखिलेश के कई करीबियों पर जीएसटी के छापे डालकर दबाव बनाने की कोशिश की गई। उसी कड़ी से पीयूष जैन के यहां हुई कार्रवाई को जोड़कर देखा जा रहा है। पीयूष जैन की तरह पम्मी जैन का भी बड़ा कारोबार है। कानपुर और कन्नौज में पीयूष जैन के घर हैं, वहीं पम्मी जैन का भी आवास है। ऐसे में पम्मी जैन भी चर्चा के घेरे में आ गए हैं। पम्मी का पुराना राजनीतिक इतिहास है। वह कांग्रेस और बसपा के भी काफी खास रहे हैं। बाद में वह समाजवादी पार्टी से जुड़ गए और अखिलेश यादव के सबसे विश्वास पात्र लोगों में शामिल हो गए। कहा जा रहा है कि जिस तरह से अडानी को भाजपा के साथ जोड़कर देखा जाता है, उसी तरह से पम्मी को सपा से जोड़ा जाता है। वहीं पम्मी जैन ने कहाöमेरा पीयूष से कोई लेना-देना नहीं है। मेरे कारोबारी ठिकानों को बिना वजह पीयूष का बताया जा रहा है। मेरा मुंबई में और एक्सपोर्ट का भी कारोबार है, यहां पर पीयूष का कुछ नहीं है।

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