Wednesday, 1 December 2021

...और अब ओमिक्रॉन की दहशत

कोरोना विषाणु के नए स्वरूप ओमिक्रॉन का पता चलने से तमाम देशों में डर और आशंका का एक बार फिर माहौल बन गया है। सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने के महज कुछ दिनों बाद ही कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन ने कई यूरोपीय देशों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिसके कारण दुनियाभर की सरकारों को इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है। दक्षिण अफ्रीका के लिए सभी ने अपनी उड़ाने रद्द कर दी हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को डेल्टा वेरिएंट की भांति ही अत्यंत संक्रामक बताकर विश्व के तमाम देशों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। मात्र दो हफ्ते में ही दक्षिण अफ्रीका में नए संक्रमण के मामले चार गुना बढ़ गए हैं। गत दो सालों से जारी महामारी की वजह से पूरी दुनिया में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इस नए खतरे के प्रति दुनिया के देश हाई अलर्ट पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ इस नई मुसीबत को लेकर अहम बैठक की। बैठक में पीएम मोदी ने प्रोएक्टिव रहने की जरूरत बताई। लोगों से अपील की कि सतर्क रहें और मास्क पहनने, उचित दूरी रखने के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के तमाम उपायों का पालन करें। कोरोना के इस चिंताजनक स्वरूप, जिसे बी 1.1.529 कहा जा रहा है, का सबसे पहले प्रसार दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिला। चूंकि यह नया स्वरूप है, इसलिए कहा नहीं जा सकता कि टीका लगवा चुके लोगों के प्रति इसका व्यवहार कैसा रहेगा? हालांकि वैज्ञानिक कह रहे हैं कि ओमिक्रॉन से कोई बड़ा खतरा नहीं है पर फिर भी हमें पूरी एहतियात बरतनी होगी। कुछ वैज्ञानिकों को प्रतिरक्षा को पूरी तरह से खत्म करने वाला बताया जा रहा है। एकाएक मामले बढ़ने से कह सकते हैं कि यह बेहद संक्रामक स्वरूप है। दक्षिण अफ्रीका में टीका लगवा चुके लोग भी इसकी चपेट में आए हैं, इसलिए तमाम देशों को बेहद सतर्क रहना होगा। भारत में टीकाकरण की स्थिति संतोषजनक होने के बावजूद जरूरी है कि हम कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। लापरवाही भारी पड़ सकती है।

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