Sunday, 5 December 2021
बलूचिस्तान के ग्वादर में महिलाओं का आंदोलन
पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर में 15 नवम्बर से चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन में हिंसा की आशंका के तहत इमरान खान की सरकार ने सुरक्षा बढ़ा दी है। सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी कर राज्य के अलग-अलग जिलों से सुरक्षा बलों को ग्वादर भेजने के लिए कहा है। यह आंदोलन कथित तौर पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के खिलाफ होने को चीन ने खारिज किया है। चीन ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया इसे चीन के खिलाफ बताकर प्रसारित कर रहा है जोकि फेक न्यूज है। ऐसी रिपोर्ट्स थीं कि सीपीईसी की महत्वपूर्ण परियोजना ग्वादर बंदरगाह पर चीनी ट्रॉलर्स (मछली पकड़ने वाले जहाज) को मछली पकड़ने के अधिकार देने के कारण यह प्रदर्शन हो रहे हैं। इन रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने यह बयान जारी किया है। माओलीजन ने कहाöकुछ मीडिया में ग्वादर क्षेत्र में चीन विरोधी प्रदर्शनों की रिपोर्ट आधारहीन है। इससे पहले सोमवार को ‘ग्वादर को हक दो’ आंदोलन के समर्थन में सैकड़ों महिलाओं ने ग्वादर में रैली निकाली, जिसे शहर के इतिहास में महिलाओं की सबसे बड़ी रैली बताया जा रहा है। ग्वादर के एक वरिष्ठ पत्रकार बहराम बलूच ने रैली में हिस्सा लेने वालों की संख्या के लिहाज से इस रैली को न केवल ग्वादर बल्कि बलूचिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ी महिला रैली बताया है। कुछ महिलाओं का कहना है कि वो मजबूर होकर अपने घरों से बाहर निकलती हैं, क्योंकि ट्रॉलर के जरिये अवैध रूप से मछली पकड़ने और ईरान सीमा पर व्यापार पर प्रतिबंध के बाद उनके पतियों का रोजगार खत्म हो गया है। यहां बेइंतिहा जुल्म हो रहा है। हम भूखे हैं, बेरोजगार हैं, हमारे पास स्वास्थ्य और शिक्षा तक की पहुंच नहीं है। यहां न पानी है, न बिजली। डराने वाले अपनी ताकत दिखा चुके हैं और अब हम अपनी ताकत दिखाएंगे।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment