Thursday, 2 December 2021

मधुमेह एक महंगी बीमारी-सब्सिडी देना जरूरी

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2020-21 के मुताबिक दिल्ली में 14 प्रतिशत पुरुष और 12 प्रतिशत महिलाएं डायबिटीज (मधुमेह) की शिकार हैं। डाक्टरों का कहना है कि यहां 100 में से 8-10 लोग प्रीडायबिटीक हैं, जिन्हें अगले सर्वे तक डायबिटीज होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमण ने रविवार को कहा कि डायबिटीज मरीजों के लिए सहायता व सब्सिडी देनी चाहिए। जीवनभर बनी रहने वाली इस बीमारी में अथाह पैसा खर्च होता है। यह बीमारी महंगी और गरीब की दुश्मन है। उन्होंने भारतीयों पर केंद्रित डायबिटीज अध्ययनों की भी जरूरत बताई। डायबिटीज पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने डाक्टरों व स्वास्थ्य अधिकारियों को भी विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत बताई। चीफ जस्टिस ने कहाöकोविड-19 महामारी ने डायबिटीज से हो रहे नुकसान को हमारे सामने ज्यादा साफ ढंग से रखा है। जब भारत में कोविड-19 टीका तैयार होने की सूचना उन्हें मिली तो यह उनके लिए खुशी का क्षण था। लेकिन वह चाहते हैं कि डायबिटीज का भी इलाज तलाशा जाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अब तक मानक ब्लड शुगर लेवल भी तय नहीं कर पा रहे हैं। दुनियाभर में अलग-अलग मानक होने से डायबिटीज को लेकर कई गलतफहमियां बढ़ी हैं। कम से कम भारतीयों को लेकर व्यापक शोध और मानक तय करने के लिए वैज्ञानिकों और डाक्टरों को काम करना चाहिए। हम चीफ जस्टिस रमण की सोच व सुझाव का स्वागत करते हैं। उन्होंने लीक से हटकर जन स्वास्थ्य पर भी चिंता व्यक्त की।

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