Wednesday, 29 December 2021
पंजाब का खतरनाक कॉकटेल सामने आ रहा है
लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट करने वाले गगनदीप का शव कई टुकड़ों में बिखर गया था, उसकी पहचान शरीर पर बने एक टेटू से हुई। लुधियाना कोर्ट कॉम्प्लैक्स में हुए बम ब्लास्ट के लिए आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। पंजाब पुलिस की फोरेंसिक जांच में यह खुलासा हुआ है। हालांकि धमाके से पानी की पाइपलाइन फट गई, जिससे भारी मात्रा में विस्फोटक बह गया। डीजीपी का कहना है कि मामले की फोरेंसिक जांच कराई जा रही है, क्योंकि टिफिन बम की भी आशंका है। डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने चंडीगढ़ में बताया कि हमले के पीछे ड्रग माफिया, गैंगस्टर और पाकिस्तान बेस्ट खालिस्तानियों का हाथ है। डीजीपी ने यह भी कहा कि शुरुआती जांच में सुबूत मिले हैं कि मृतक गगनदीप सिंह के सीमा पार यानि पाकिस्तान में बैठे नशा तस्करों से लिंक थे। हालांकि पुलिस इसकी जांच कर रही है। गौरतलब है कि मृतक गगनदीप सिंह का पाकिस्तान में बैठे बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हरविंदर सिंह रिवां से कॉन्टेक्ट सामने आ रहे हैं। वहीं रिवां के तार जर्मनी में बैठे खालिस्तानी आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी से जुड़े बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धमाके में मारा गया गगनदीप ही कोर्ट कॉम्प्लैक्स में बम ब्लास्ट प्लांट करने के लिए गया था। वह पहले नशे के केस में पकड़ा गया था। जेल जाने पर उसकी ड्रग माफिया से साठगांठ हुई। माफिया के बाद वह टेरर की तरफ चला गया। इस दौरान ही वह ऑर्गेनाइज्ड क्राइम यानि गैंगस्टर के सम्पर्प में आया। डीजीपी ने कहा कि गगनदीप को बम कहीं और प्लांट करना था और वह बाथरूम में बम के तार जोड़ने के लिए गया था। असैंबल करते वक्त ही बम फट गया। गनीमत यह रही कि उस समय गगनदीप वहां अकेला था। मृतक के शरीर की पोजिशन को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में गगनदीप अकेला इस साजिश का हिस्सा लग रहा था लेकिन इसमें और लोग भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस को लुधियाना में सीसीटीवी में कुछ संदिग्ध नजर आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। गगनदीप कहीं और ब्लास्ट करना चाहता था लेकिन तार गलत जुड़ने से धमाका हो गया। गगनदीप के खिलाफ 2019 में एनडीपीएस एक्ट का केस दर्ज हुआ था। उसके पास से 11 अगस्त 2019 को 385 ग्राम हेरोइन बरामद की गई थी। उस वक्त वह खन्ना के थाना सदर में मुंशी था। इसके बाद उसके साथियों अमनदीप और विकास को भी 400 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। दो साल जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आ गया था। इस मामले में उसका ट्रायल भी चल रहा था। डीजीपी ने यह भी कहा कि पंजाब में अब क्राइम के पीछे खतरनाक कॉकटेल नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें नशा तस्कर ऑर्गेनाइज्ड क्राइम और आतंक का मिश्रण सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया, गैंगस्टर और फिर उनके आतंक के साथ मिलने की वजह से यह काफी खतरनाक स्थिति है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि गगनदीप की धमाके के अगले ही दिन कोर्ट में पेशी थी। वह लुधियाना कोर्ट का रिकॉर्ड रूम उड़ाना चाहता था। उसकी योजना कोर्ट के रिकॉर्ड रूम को बम से ध्वस्त करने की रही होगी जिससे उसके केस से जुड़े रिकॉर्ड नष्ट हो जाएंगे और वह केस से बच जाएगा। यह भी आशंका है कि जैसे आतंकवाद के दौर में जजों पर अटैक हुए थे, इसमें भी कुछ इस तरह की मंशा हो सकती है।
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