Thursday, 2 December 2021
बेशक चीन सबसे अमीर पर चीनियों की अमीरी कितनी असली
पिछले 20 साल में दुनिया की सम्पत्ति तीन गुना हो गई है। खास बात यह है कि दुनिया की कुल सम्पत्ति में चीन की हिस्सेदारी एक-तिहाई है। इतना ही नहीं, पिछले दो दशकों के दौरान सम्पत्ति के मामले में अमेरिका को पछाड़ कर चीन पहले पायदान पर आ गया है। दुनिया की 61 प्रतिशत आमदनी के लिए जिम्मेदार 10 देशों की बैलेंसशीट पर नजर रखने वाली मैनेजमेंट कंसल्टेंट मैकेन्जी एंड कंपनी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसके अनुसार साल 2000 में चीन की कुल सम्पत्ति सात खरब डॉलर थी, जो 2020 में बढ़कर 120 खरब डॉलर हो गई। साल 2000 के एक वर्ष पहले ही चीन को विश्व व्यापार संगठन में प्रवेश मिला था। यह बताता है कि चीन की अर्थव्यवस्था ने जितनी तेज वृद्धि की है, वहीं अमेरिका की सम्पत्ति 90 खरब डॉलर से बढ़कर दोगुना हो गई है। विश्व की कुल सम्पत्ति साल 2000 में 156 खरब डॉलर थी, जो अगले 20 सालों में यानि 2020 में बढ़कर 514 डॉलर हो गई। मैकेन्जी के अनुसार हाल तक माओवादी साम्यवाद का पुजारी चीन हो या धुरंधर पूंजीवादी अमेरिका, यहां गरीब और गरीब हो रहा है तथा अमीर और अमीर, यानि पूंजीवादी अमेरिका में गरीब-अमीर की खाई पहले ही बड़ी थी और उसमें अब ज्यादा संकुचन की गुंजाइश नहीं थी, लेकिन अमेरिका को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे अमीर देश बने चीन ने नई वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था में उस खाई को दो दशकों में काफी बढ़ा दिया है। भारत की अर्थव्यवस्था भी लगभग इसी राह पर है। हालांकि रिपोर्ट में भारत का ब्यौरा नहीं है लेकिन पूर्व की रिपोर्ट यह बताती है कि किसी सूचकांक पर भारत में गरीबी-अमीरी की खाई लगातार बढ़ रही है, जिसमें कोरोनाकाल में एक उद्योपति की पूंजी हर घंटे 90 करोड़ रुपए बढ़ रही थी।
-अनिल नरेन्द्र
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