Saturday 11 December 2021

आखिरी सैल्यूट

तमिलनाडु के कुन्नूर में हुआ हेलीकॉप्टर हादसा न सिर्फ स्तब्धकारी, बल्कि गंभीर चिंता का विषय भी है। इस हेलीकॉप्टर में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष यानि सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और उनकी सुरक्षा में तैनात कुछ अन्य अफसर सफर कर रहे थे। चालक दल समेत कुल 14 लोग उसमें सवार थे। जनरल रावत वेलिंगटन की रक्षा अकादमी में भाषण देने जा रहे थे। दिल्ली से सुलूर तक वायुसेना के विमान से गए और वहां से हेलीकॉप्टर में वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी थी। बीच रास्ते में हेलीकॉप्टर रहस्यमय ढंग से ध्वस्त हो गया। खराब मौसम इसकी वजह बताई जा रही है पर इसके असल कारणों का तभी पता चलेगा जब स्वतंत्र रूप से जांच हो। स्वाभाविक ही सवाल उठ रहे हैं कि एमआई श्रृंखला का यह अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर आखिर दुर्घटनाग्रस्त कैसे हो गया। सेना इस हेलीकॉप्टर को बहुत भरोसेमंद मानती है। इसमें एक नहीं दो इंजन लगे होते हैं। किन्हीं परिस्थितियों में एक इंजन में खराबी आने के बाद दूसरा इंजन स्वत काम करना शुरू कर देता है। इस तरह इसके दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना न्यून रहती है। इसके अलावा इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं, जिनके जरिये बहुत सारी सूचनाएं एकत्र की जा सकती हैं। खराब मौसम, बर्फबारी आदि में भी यह हेलीकॉप्टर सक्षमता से उड़ान भर और उतर सकता है। बताते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक में भी सेना ने इसी श्रृंखला के हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया था, जिनके जरिये पाकिस्तानी सरहद में 60 सैनिकों को उतारा गया था। यह ऊंचाई वाले स्थानों पर भी कुशलता से उड़ान भर सकता है। जनरल रावत और अन्य को ले जा रहा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त क्यों हुआ? यह सवाल शीर्ष गलियारों से लेकर आम जनता के बीच घूम रहा है। सभी जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि सबसे बढ़िया माने जाने वाले हेलीकॉप्टर में देश के शीर्षस्थ सैन्य अधिकारी और 12 अन्य का अकाल निधन हो गया। हर जगह यही चर्चा है कि अत्याधुनिक तकनीक और साधनों से सुसज्जित एमआई-17वी5 जैसा हेलीकॉप्टर झटके में तबाह कैसे हो गया? माना जा रहा है कि इसका सही कारण जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ पाएगा। हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मौके से रिकवर हो गया है। अवरोधों की बारीकी से जांच के अलावा हेलीकॉप्टर और कंट्रोल टॉवर के बीच हुए कम्युनिकेशन की भी छानबीन की जाएगी। फिलहाल तमिलनाडु के उस वेदर में खराब रहने वाले मौसम को एक वजह माना जा रहा है, लेकिन क्या खराब मौसम की वजह से हेलीकॉप्टर में कोई तकनीकी खराबी आई? क्या उस बारे में कंट्रोल रूम के साथ कोई संवाद हो पाया? यह जांच भी होनी चाहिए। इस हादसे की तुलना कई विशेषज्ञ और सोशल मीडिया यूजर्स ताइवान के चीन विरोधी सेना प्रमुख के हादसे से कर रहे हैं। जनवरी 2020 में ताइवान के सेना प्रमुख की उस समय हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी, जब पूरा देश नए राष्ट्रपति के लिए वोट देने वाला था। इस भीषण हादसे में चीफ ऑफ जनरल स्टॉफ शेन ची किंग और तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौत हो गई थी। शेन ची किंग का हेलीकॉप्टर ताइपे के नजदीक पहाड़ी इलाके में गिर गया था। जनरल रावत (63) की तरह ही ताइवानी सेना प्रमुख किंग (62) काफी अनुभवी थे। जनरल किंग सामान्य उड़ान पर देश के पूर्वोत्तर के]िमलान काउंटी जा रहे थे और उसी दौरान रास्ते में यह हादसा हो गया। जनरल रावत हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद भी जिंदा थे। हादसे के बाद मलबे से निकाले जाने पर उन्होंने हिंदी में अपना नाम भी बताया था। यह जानकारी बचाव दल के एक सदस्य ने दी। कारण कुछ भी हों, यह बहुत बड़ी त्रासदी है। देश ने एक जांबाज सैनिक को खो दिया है। जनरल रावत के प्रयासों को यह देश हमेशा याद रखेगा।

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