Saturday, 15 May 2021
निजी अस्पतालों की फीस की सीमा करें तय
हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि कोरोना के इलाज की रेट लिस्ट न लगाने वाले निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल तो होगा ही उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। शिकायत मिलने पर अस्पताल का पांच दिन का रिकॉर्ड भी चैक किया जाएगा। इसके अलावा फल, सब्जियों, किराना व अन्य सामान के अधिक रेट लेने वालों से भी सरकार सख्ती से निपटेगी। इसलिए दुकानदारों को सख्त चेतावनी है कि वह सरकार की ओर से निर्धारित किए गए रेट ही लें। कैबिनेट मंत्री ने कुछ अस्पतालों की ओर से कोरोना मरीजों से अधिक पैसे लेने की शिकायत मिलने के बाद सोमवार को यह चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 के दूसरे चरण के हालातों के मद्देनजर लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इधर कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पतालों द्वारा जमकर फीस वसूलने को दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। न्यायमूर्ति विपिन सिंघवी, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव से कहा है कि वह निजी अस्पतालों की एसोसिएशन के साथ बैठकर कोरोना के इलाज की फीस तय करें, जिससे आम लोगों को इस मुश्किल घड़ी में दिक्कत न हो। पीठ ने सचिव से इस बात की जानकारी 17 मई को देने के लिए कहा है। पीठ ने सरकार से पूछा कि कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पताल अधिकतम कितनी फीस चार्ज कर सकते हैं? कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि उसने अधिकतम फीस को लेकर अब तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। कोर्ट ने दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए बनाई गई हैल्पलाइन के तहत बुजुर्गों को दी जाने वाली सुविधा पर भी सरकार से जवाब मांगा है।
-अनिल नरेन्द्र
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