Wednesday 12 May 2021

कांग्रेस पृष्ठभूमि के नौवें भाजपा सीएम हिमंत

हिमंत बिस्व सरमा के असम का मुख्यमंत्री चुने जाने के साथ ही कांग्रेस से बाहर जाकर मुख्यमंत्री बनने वाले नेताओं के आंकड़ों में इजाफा हो गया है। अब देश में नौ गैर-कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कांग्रेस की सियासी पृष्ठभूमि से होंगे। पूर्वोत्तर के सात में से पांच राज्यों के मुख्यमंत्री कांग्रेसी हो जाएंगे। अभी जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए हैं, उनमें से तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों का सफर कांग्रेस से ही शुरू हुआ था। असम में भाजपा का चमकता सितारा बन चुके हिमंत को कांग्रेस छोड़े छह साल भी नहीं हुए और वह राज्य के मुख्यमंत्री बन गए हैं। हिमंत ने 2015 के अगस्त में जब कांग्रेस छोड़ी थी, तब पार्टी के बड़े नेता के रूप में उभर चुके थे, मगर तब न तो तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उन्हें अहमियत दी और न ही हाई कमान ने। हिमंत ने तब कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और 2016 में भाजपा की प्रदेश में पहली सरकार के कद्दावर मंत्री बने। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी हैं। ममता की राजनीतिक पहचान भी कांग्रेस से बनी थी। बेहद युवा उम्र में लोकसभा सदस्य से लेकर नरसिंह राव सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुकीं ममता ने 1997 में कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व से खफा होकर पार्टी बनाई और आज बंगाल में कांग्रेस का सफाया हो गया है। पुडुचेरी में मार्च तक सत्ता में रही कांग्रेस को उसके ही एक पूर्व दिग्गज एन. रंगासामी ने सत्ता से बाहर किया है। रंगासामी पहले प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सीएम रह चुके हैं। कुछ साल पूर्व उन्होंने कांग्रेस छोड़ एनआर कांग्रेस बना ली व इस चुनाव में राजग साझीदार के रूप में कांग्रेस से सत्ता छीन ली। अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू ने 2017 में कांग्रेस के 43 विधायकों के साथ पाला बदल भाजपा में आए और वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. वीरेन्द्र सिंह ने 2016 में कांग्रेस छोड़ी तो वह सूबे की कांग्रेस सरकार के मंत्री थे। नागालैंड के सीएम निधियू रियो एक दशक तक राज्य में कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहे। 2002 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ी और 2003 में क्षेत्रीय पार्टी का गठबंधन बना चुनाव जीता और सीएम बने। मेघालय में कोनार्ड संगमा एनपीपी गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री हैं और वह कांग्रेस के पुराने दिग्गज पीए संगमा के पुत्र हैं। आंध्र में तो 2014 में कांग्रेस ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी चलाई और आंध्र के बंटवारे व नेतृत्व की अनदेखी के बाद जगनमोहन रेड्डी ने कांग्रेस छोड़कर वाईएसआर कांग्रेस बना ली। 2019 के चुनाव में जगन बड़ी जीत के साथ आंध्र के सीएम बने। तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने भी सियासी सफर कांग्रेस से शुरू किया था। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पिद्दी वाले ट्वीट की खिल्ली उड़ाई थी। अक्तूबर 2017 में राहुल ने एक ट्वीट किया था जिसमें वह पालतू डॉग पिद्दी के साथ थे। सरमा ने ट्वीट किया था, उन्हें मुझसे बेहतर कौन जानता है। मुझे याद है कि जब हम अहम मसलों पर चर्चा करना चाहते थे, आप उसे (पिद्दी को) बिस्कुट खिलाने में व्यस्त थे। आज अगर कांग्रेस का यह हाल है तो इसका जिम्मेदार खुद कांग्रेस नेतृत्व है। उन्होंने काबिल नेताओं को नजरंदाज किया और भाजपा ने उसका फायदा उठाया।

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