Thursday 20 May 2021

टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी

पश्चिम बंगाल के नारद स्टिंग मामले में सीबीआई ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं और एक पूर्व नेता को गिरफ्तार किया। यह मंत्री फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व नेता सोभन चटर्जी थे। साल 2014 में इस मामले के समय चारों मंत्री थे। इन गिरफ्तारियों के तुरन्त बाद सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में सीबीआई के दफ्तर पहुंची। ममता ने शाम पांच बजे तक धरना दिया। ममता ने सीबीआई अधिकारियों से कहाöमेरी पार्टी के नेताओं को रिहा करें या मुझे गिरफ्तार कर लें। तृणमूल नेता अप्रिय भट्टाचार्य ने इन गिरफ्तारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। जबकि तृणमूल कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में सीबीआई दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने सुरक्षा बलों पर ईंट-पत्थर फेंके। हुगली, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में भी समर्थकों ने प्रदर्शन किया। इस बीच चारों आरोपियों को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी। लेकिन जज अनुपम मुखर्जी ने चारों को जमानत दे दी। लेकिन सीबीआई निचली अदालत के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट चली गई और हाई कोर्ट ने सभी चार नेताओं को जेल भेज दिया। इस दौरान चारों अभियुक्तों के परिवार के लोग जेल के बाहर मौजूद थे। फरहाद हकीम ने सीबीआई के कोलकाता दफ्तर के बाहर कहाöमुझे न्यायपालिका में पूरी आस्था है। भाजपा मुझे परेशान करने के लिए किसी को भी काम पर लगा सकती है। उन्होंने रूंधे गले से कहा कि महामारी के दौरान लोगों की मदद करने का काम नहीं कर सके। हकीम ने कहा कि हम लोग बुरे लोग हैं, मगर मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी नहीं। गौरतलब है कि मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी भी नारद स्टिंग ऑपरेशन में अभियुक्त हैं, मगर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह दोनों नेता इस स्टिंग ऑपरेशन के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य थे लेकिन बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए। नंदीग्राम से ममता बनर्जी को मात देने वाले शुभेंदु अधिकारी नई विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं जबकि मुकुल रॉय विधायक। वहीं गिरफ्तार किए गए एक और मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने सीबीआई दफ्तर के बाहर कहाöहम डाकू नहीं हैं। मैंने ऐसा कोई गलत काम नहीं किया है कि सीबीआई मेरे बैडरूम में आकर मुझे गिरफ्तार करे। नारद स्टिंग ऑपरेशन नारद न्यूज पोर्टल के पत्रकार मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में किया गया था जिसमें कथित तौर पर टीएमसी मंत्री, सांसद और विधायक कैमरे पर काल्पनिक कंपनियों को मदद पहुंचाने के लिए मदद देते थे। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 15 दिन बाद हुई गिरफ्तारियों को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं और तृणमूल कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया था मगर इसके बावजूद ममता बनर्जी जबरदस्त बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटीं। गिरफ्तार किए गए नेता मदन मित्रा ने कहाöकेंद्र सरकार और मुख्य रूप से दोनों नेता (मोदी और शाह) बंगाल के लोगों के दिए जनादेश को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, खेल फिर शुरू हो गया है।

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