Saturday, 15 May 2021
सबसे महंगे दाम पर भारत में बिक रही है वैक्सीन
भारत में प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन की एक डोज के लिए 700 रुपए से लेकर 1500 रुपए वसूले जा रहे हैं। यह बात कोविन वेबसाइट पर मौजूद डेटा के जरिये सामने आई है। ईटी नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक यह दाम 18 से 44 साल की उम्र वालों के लिए है, जो कि 45+ की उम्र वालों के लिए तय दाम से छह गुना ज्यादा हैं। अभी इस उम्र के लोगों को 250 रुपए में कोरोना का एक टीका लगाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक कोविशील्ड के एक डोज के लिए अस्पताल 700 से 900 रुपए के बीच ले रहे हैं जबकि कोवैक्सीन का एक डोज 1250 से 1500 रुपए तक में पड़ रहा है। बता दें कि कोविशील्ड सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है जबकि कोवैक्सीन भारत बायोटेक बना रही है। कोविन वेबसाइट के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में जो वैक्सीनेशन चल रहा है, वह मुख्य तौर पर चार बड़े कारपोरेट हॉस्पिटल ग्रुप ओपोलो, मैक्स, फोर्टिस और मणिपाल ही चला रहे हैं। यह बात गौर करने वाली है कि ज्यादातर देश जहां अपने नागरिकों के लिए पैसा नहीं ले रहे, वहीं भारत न सिर्फ पैसा लेता है, बल्कि प्राइवेट सेक्टर में टीके की कीमत दुनियाभर के देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। बता दें कि टीकाकरण के पहले और दूसरे चरण में केंद्र हर रोज 150 रुपए में खरीद रहा है और उसे राज्य सरकारों व प्राइवेट अस्पतालों को सप्लाई कर रहा था। प्राइवेट सेक्टर भी उस टीके को लगाने के लिए 150 रुपए फीस वसूल रहा था। हालांकि तीसरे चरण के लिए एक डोज लगाने के बदले अस्पताल ढाई सौ से तीन सौ रुपए तक की फीस वसूल रहा है। इस बारे में एक अस्पताल की प्रवक्ता ने बताया कि कोविशील्ड की एक डोज की कीमत 660 से 670 रुपए ठहरती है। इसमें ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज, जीएसटी सब खर्च शामिल हैं। वहीं 5-6 प्रतिशत बर्बादी भी होती है, इसलिए एक डोज 710-715 रुपए तक की पड़ रही है। वहीं वैक्सीन लगाने के चार्ज में हैंड सैनिटाइजर, स्टाफ की पीपीई किट, बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजन आदि भी शामिल है। इनकी कीमत 170-180 ठहरती है। इस तरह एक डोज प्राइवेट अस्पताल में 900 रुपए पड़ती है।
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