Saturday, 29 May 2021
कोरोना की उत्पत्ति को लेकर फिर संदेह के घेरे में चीन
कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर शक की सूई एक बार फिर चीनी प्रयोगशाला बुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पर आ टिकी है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया के सामने कोरोना महामारी उजागर होने के एक माह पहले ही इस प्रयोगशाला के तीन कर्मचारी न सिर्फ बीमार पड़े थे, बल्कि उन्होंने अस्पताल में इलाज भी करवाया था। वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में प्रयोगशाला के बीमारी शोधकर्ताओं की संख्या, उनके बीमार पड़ने के समय और अस्पताल जाने से जुड़ी विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। खास बात यह है कि यह अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की कोरोना उत्पत्ति पर अगले चरण की जांच संबंधी चर्चा को लेकर होने वाली बैठक के ठीक पहले आई है। इसके चलते माना जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ के लिए इसे नजरंदाज करना आसान नहीं होगा। खुफिया रिपोर्ट को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता ने कहा कि बिडेन प्रशासन कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों समेत चीन में इसकी उत्पत्ति को लेकर गंभीर सवाल उठाता रहा है। अखबार के मुताबिक कई मौजूदा और पूर्व खुफिया अधिकारियों ने प्रयोगशाला के शोधकर्ताओं को लेकर अपना मत जाहिर करते हुए वायरस उत्पत्ति पर गहन जांच और अतिरिक्त सहयोग की जरूरत बताई है। हालांकि रिपोर्ट को लेकर वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। अमेरिकी वायरस विशेषज्ञ और राष्ट्रपति जो बिडेन के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एंथोनी फॉसी ने कहा है कि कोरोना एक प्राकृतिक बीमारी है। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। एक साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि क्या यह वायरस प्राकृतिक है तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर भरोसा नहीं करूंगा। उन्होंने कहाöइसकी जांच जरूरी है कि चीन की लैब में इसकी उत्पत्ति कैसे हुई?
-अनिल नरेन्द्र
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