Friday 28 May 2021

रामदेव पर एक हजार करोड़ का मानहानि का दावा

एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान से नाराज आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) उत्तराखंड ने योगगुरु रामदेव को मानहानि का नोटिस भेज दिया है। 15 दिन के भीतर क्षमा न मांगने और बयान को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से न हटाने पर उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपए का मानहानि का दावा ठोकने की चेतावनी भी दी गई है। आईएमए उत्तराखंड के सचिव डॉ. अजय खन्ना की ओर से मंगलवार को भेजे गए छह पेज के नोटिस में कहा गया है कि रामदेव के बयान से आईएमए उत्तराखंड से जुड़े दो हजार सदस्यों की मानहानि हुई है। एक सदस्य (डॉक्टर) की 50 लाख रुपए की मानहानि के अनुसार कुल एक हजार करोड़ रुपए की मानहानि का दावा किया जाएगा। रामदेव ने एलोपैथी डॉक्टरों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। ऐसे में उनके खिलाफ मानहानि के दावे के साथ एफआईआर कराई जाएगी। आयुर्वेद में है रिसर्च बेस्ट दवाएं ः रामदेव। मंगलवार सुबह हरिद्वार पतंजलि के एक लाइव योग शिविर में रामदेव ने कहा कि पोल खोलना उनका मकसद नहीं है। जो 25 सवाल उन्होंने सामने रखे हैं उनका जवाब वह 10 मिनट में दे सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि आयुर्वेद में रिसर्च बेस्ट दवाएं हैं। योग और आयुर्वेद से कई बीमारियों का जड़ से समाधान संभव है। जो एलोपैथी में नहीं है। बाबा ने कहा कि देश में ऐसे डॉक्टर भी हैं जो अपने पर्चे पर योग की सलाह देते हैं। लेकिन कुछ ऐसे डॉक्टर भी हैं जो मानसिक तनाव में रहते हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर फार्मा कंपनियों के गुलाम नहीं हैं। वह आयुर्वेद दवाएं भी लिख सकते हैं। बाबा ने कहा कि वह जल्द पतजंलि में डॉक्टरों का एक शिविर लगाएंगे। आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कियाöधर्मांतरण के षड्यंत्र के तहत रामदेव को टारगेट कर योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। देशवासी अब भी नींद से नहीं जागेंगे तो आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी। हमारा मानना है कि बाबा रामदेव को ऐसे समय जब कोरोना महामारी चरम पर है, डॉक्टरों पर किसी प्रकार का हमला करना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि बिल्कुल अनावश्यक है। बेशक बाबा अपनी आयुर्वेद दवाओं से बहुत से रोग ठीक कर सकते हैं। पर एलोपैथी को यूं कंडम करना सरासर गलत है। अगर बाबा सभी रोग आयुर्वेद की पतंजलि की दवाओं से ठीक कर सकते थे तो आचार्य बालकृष्ण का क्यों इलाज खुद नहीं किया? रहा सवाल योग का तो यह तो हजारों सालों से भारतीय पद्धति में है।

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