Saturday, 15 May 2021
ग्रामीण इलाकों में फैलता कोरोना संक्रमण
ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैलती कोरोना महामारी ने चिन्ता और बढ़ा दी है। रिपोर्ट बता रही है कि अब ग्रामीण इलाकों में संक्रमण पैर पसार चुका है। बिहार के बक्सर जिले में गंगा में और उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना में तैरते शवों की वजह से रौंगटे खड़े कर देने वाले दृश्य हमारे सामने आ रहे हैं। यह इस महामारी से उपजी बदहाली और बेबसी को ही दिखा रहा है। जितने मामले आ रहे हैं उसमें लगभग आधे मामले ग्रामीण इलाकों से हैं। मौतों का आंकड़ा शहरों के मुकाबले चार गुना ज्यादा हैं। यह अंदाजा भी लगाना मुश्किल है कि गांवों में हालात किस तेजी से बिगड़ रहे हैं। दुख से कहना पड़ता है कि ऐसा नहीं कि यह सब अचानक हुआ या सरकारों को इसका अंदेश पहले से नहीं रहा होगा। विशेषज्ञ लगातार चेतावनी देते रहे कि ग्रामीण इलाकों में संक्रमण फैलना कहीं ज्यादा बड़ा खतरा होगा। पर जिस तरह से गांवों को लेकर हर स्तर पर अनदेखी और लापरवाही होती रही, उसी का नतीजा है कि अब वहां हालात बदतर हो रहे हैं। अभी मुश्किल यह है कि सरकारें शहरों में मचे हाहाकार से ही निपट पाने में लाचार हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि गांवों में संक्रमण के फैलने से कैसे रोका जाए? संभवत यह कभी साबित नहीं हो सकेगा कि इनमें से कितने लोगों की मौतें वास्तव में कोरोना से ही हुई है, लेकिन जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह बेहद पीड़ादायक और चिन्ता बढ़ाने वाले हैं। गंगा और यमुना को मोक्षदायिनी नदियां कहा जाता है, उनमें करोड़ों लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन यह दृश्य गहरी हताशा और गहरे संताप को व्यक्त कर रही है। इनसे यह भी पता चलता है कि गांवों में महामारी से हालात बिगड़ते जा रहे हैं और सारी व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। ग्रामीण के हवाले से जो खबर आ रही है उनसे तो लगता है कि अनेक लोगों ने संक्रमण फैलने की आशंका के साथ ही, इसलिए भी अपने परिजनों के शव नदियों में बहा दिए, क्योंकि महामारी से उपजी आर्थिक मुश्किलों से उनके पास अंतिम संस्कार करने तक के पैसे नहीं थे। यही नहीं, ग्रामीण इलाकों में अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही है। नदियों में इस तरह शव मिलने से गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए भी चिन्ता की बात है। मगर अभी सबसे बड़ी चिन्ता तो यह होनी चाहिए कि ग्रामीण इलाकों में संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए कैसे व्यापक कदम उठाए जाएं। दूसरी बात यह है कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अभाव है। अस्पतालों, डॉक्टरों की कमी से भी समस्या बिगड़ती जा रही है। सरकारों को इस ओर ध्यान देना होगा नहीं तो यह समस्या कंट्रोल करनी मुश्किल हो जाएगी।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment