Wednesday 19 May 2021

इजरायल-हमास युद्ध तत्काल रुकना चाहिए

पिछले करीब सात-आठ दिनों से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच छिड़ी भीषण लड़ाई बढ़ती ही जा रही है। इजरायली सेना ने रविवार को कहा कि उसने गाजा में हमास के एक शीर्ष नेता के घर पर हमला किया है। गाजा से इजरायल में हवाई हमले और रॉकेट दागने के करीब एक हफ्ते बाद यह हमला किया गया। इन हवाई हमलों में 42 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे हैं। इनके अलावा 50 लोग घायल हुए हैं। पिछले एक हफ्ते में यह इजरायल का गाजा पर सबसे बड़ा हमला है। इजरायल ने दो दिन में तीसरी बार हमास के किसी वरिष्ठ नेता के घर पर बमबारी की। इसके अलावा शरणार्थी शिविर और एक बहुमंजिला इमारत को ध्वस्त कर दिया। जवाब में हमास ने भी इजरायल पर रॉकेट हमले जारी रखे हैं। पिछले एक हफ्ते में गाजा में 188 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। जबकि 1230 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं। इजरायल में 10 लोगों की मौत हुई है। गाजा की ओर से इजरायल पर एक हफ्ते में 2500 रॉकेट दागे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनिया उस इजरायली हमले से बेहद परेशान हैं जिसमें गाजा शहर में एक ऊंची इमारत ध्वस्त हो गई। इस इमारत में कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों के कार्यालय और आवासीय अपार्टमेंट थे। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहाöमहासचिव हताहत आम नागरिकों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी से निराश हैं। महासचिव ने सभी पक्षों को याद दिलाया है कि असैन्य नागरिकों और मीडिया संगठनों को अंधाधुंध निशाना बनाया जाना अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और हर कीमत पर इसे रोकना चाहिए। अगर इस युद्ध को फौरन रोका नहीं गया तो पश्चिम एशिया का पूरा इलाका पूर्ण युद्ध की चपेट में आ सकता है। पश्चिम एशिया में अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लेकिन मौजूदा संघर्ष के दौरान वह हाथ पर हाथ धरे बैठा है। हालांकि युद्ध की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह कहा था कि इजरायल को अपनी भूमि की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। बिडेन की डेमोकेटिक पार्टी के प्रगतिशील रूझान वाले नेताओं ने फिलिस्तीन के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। समाज के कुछ तबकों में ब्लैकलाइंस मैटर की तर्ज पर फिलिस्तीन लाइव मैटर का अभियान शुरू किया गया। लेकिन मुश्किल यह है कि बिडेन प्रशासन, अमेरिकी सांसद, मुख्यधारा की मीडिया और बौद्धिक संस्थानों पर यहूदियों का वर्चस्व है। इस दबाव के कारण कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति इजरायल के विरुद्ध कड़ी नीति अपनाने का जोखिम नहीं ले पाता। अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह इस युद्ध में हस्तक्षेप करे और इस नए युद्ध को खत्म कराने का प्रयास करे। नहीं तो यह युद्ध पूरे मध्य-पूर्व में फैल सकता है।

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