Sunday 2 May 2021

बंगाल को लेकर असमंजस में चुनावी पंडित

कोरोना की दूसरी लहर के बीच हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे दो मई को आएंगे। इस बीच गुरुवार को पश्चिम बंगाल के आठवें चरण की वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल में उलझी तस्वीर दिखी। बृहस्पतिवार को जारी विभिन्न चैनलों व एजेंसियों के एग्जिट पोल के नतीजों में पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर का पूर्वानुमान जताया जा रहा है जबकि केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चे और असम में भाजपा के फिर सत्ता में लौटने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक सत्ता से बाहर जा सकती है और एक दशक के बाद द्रमुक सत्ता में वापसी कर सकती है। कुछ चुनावी सर्वेक्षणों के मुताबिक पुडुचेरी में कांग्रेस के हाथ से सत्ता जा सकती है। दो मई को आने वाले नतीजों के पहले आए एग्जिट पोल अनुमानों में सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के चुनाव में भाजपा और तृणमूल के बीच कड़ा मुकाबला सामने आया है। हालांकि अधिकांश पोल तृणमूल को बढ़त दिखा रहे हैं, लेकिन कुछ अनुमान भाजपा को थोड़ा-सा आगे दिखा रहे हैं। शुरुआती चरणों में भाजपा तृणमूल से आगे दिखाई दे रही है। लेकिन बाद में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी बढ़त बनाई है। असम में चुनाव प्रचार के दौरान और मतदान तक मुकाबला कड़ा रहा है। लेकिन एग्जिट पोल अनुमानों में सत्तारूढ़ भाजपा एक बार फिर से अपने गठबंधन के साथ सत्ता में आती दिख रही है। जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को ज्यादा लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। एग्जिट पोल के नतीजों पर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि संकेतों से साफ है कि असम में पार्टी की शानदार वापसी हो रही है। बंगाल और पुडुचेरी में हम सरकार बनाने जा रहे हैं। तमिलनाडु और केरल में भी हमारे मतों में इजाफा होने जा रहा है। वैसे एग्जिट पोल हमेशा सही होते हैं, यह कतई नहीं कहा जा सकता है। पिछले करीब 20 बरसों के दौरान ज्यादा एग्जिट पोल के अनुमान बिल्कुल गलत निकले। 1999 में एनडीए को कितनी सीटें मिलने की उम्मीद लगाई गई थी, उतनी नहीं मिलीं। 2004 में एनडीए की हार को एग्जिट पोल के फेल होने की बड़ी मिसाल के तौर पर देखा जाता है। यही हाल 2009 में हुआ जब यूपीए-2 की सरकार बनने के अनुमान लगाने वाले सर्वे थे। देखें, ईवीएम की गिनती के बाद क्या तस्वीर उभरती है?

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