Wednesday, 26 May 2021

पेटेंट हटे तो दुनिया को मिले सस्ता-सुलभ टीका

अमेरिका ने कोरोना महामारी को देखते हुए कोरोना वैक्सीन से पेटेंट हटाने को लेकर अपनी सहमति जताई है। इसके साथ ही दुनिया में वैक्सीन की कमी से जल्द राहत मिलने की उम्मीद जगी है। इसके साथ ही यह भी तय है कि अगर पेटेंट हटा तो दुनियाभर में टीके की कमी दूर हो जाएगी और इसके दामों में भी कमी आएगी। जिससे सभी को सस्ता और सुलभ टीका मिल सकेगा। विश्व में फिलहाल कोरोना के जितने भी टीके बने हैं, उन सभी कंपनियों के पास उस पर पेटेंट है। इसके साथ ही वैक्सीन का उत्पादन केवल वही कर सकती हैं, जिसने इसे पेटेंट कराया है। ऐसे में वैक्सीन से पेटेंट हटाया जाता है तो वैक्सीन को बनाने की तकनीक दूसरी कंपनियों को भी मिल जाएगी। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैपरीन ताई ने कहा है जो बिडेन प्रशासन बौद्धिक संपदा की सुरक्षा का समर्थन करता है, लेकिन वैक्सीन पेटेंट में छूट सिर्फ कोरोना वायरस महामारी के खात्मे तक ही दी जाएगी। कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियां बड़ी पहल करने के लिए बाध्य कर रही हैं। वहीं स्विट्जरलैंड ने कहा है कि पेटेंट नियमों को अस्थायी रूप से हटाने की मांग को अमेरिका के समर्थन के बाद पैदा हुई नई स्थिति पर ध्यान दे रहा है। विशेषज्ञों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सदस्य देशों को कोविड-19 टीकों को लेकर पेटेंट नियमों में छूट के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए तत्काल बातचीत शुरू करने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि जिस तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है उसके लिए यह जरूरी है। दरअसल भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्तूबर 2020 में कोविड-19 संक्रमण के इलाज, उसकी रोकथाम के सन्दर्भ में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों के लिए ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट देने की प्रस्ताव किया। अगर यह पेटेंट का मसला हल हो जाता है तो दुनिया में वैक्सीन की कमी दूर हो जाएगी और लाखों-करोड़ों का बचाव होगा। -अनिल नरेन्द्र

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