Wednesday 21 July 2021

जब अफगान राष्ट्रपति गनी ने इमरान को खरी-खरी सुनाई

मध्य और दक्षिण एशिया संपर्प सम्मेलन में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पधानमंत्री इमरान खान से महज कुछ फीट की दूरी पर ही बैठे हुए थे। शुकवार को हुए इस सम्मेलन में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तान ने चरमपंथी समूहें से अपने संबंध नहीं तोड़े हैं। मध्य और दक्षिण एशिया, संपर्प सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए थे। अपने संबोधन में उन्होंने भी पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए व्यापार की समस्या का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास और समृद्धि, शांति और सुरक्षा के साथ ही संभव है। खुफिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने संबोधन में कठोर शब्दों में कहा कि पिछले महीने 10000 से अधिक जेहादी लड़ाके अफगानिस्तान आए हैं, जबकि पाकिस्तान सरकार तालिबान को शांति वार्ता में गंभीरता से भाग लेने के लिए मनाने में असफल रही है। इस सम्मेलन में उद्घाटन समारोह में क्षेत्रीय संपर्प के लिए चुनौतियों और खतरों पर बोलते हुए गनी ने कहा पाकिस्तान के पधानमंत्री इमरान खान और उनके जनरलों ने बार-बार आश्वासन दिया कि वे नहीं समझते हैं अफगानिस्तान में तालिबान का अधिग्रहण पाकिस्तान के हित में है। पाकिस्तान को कोसना बंद करें, अफगानिस्तान से बोले इमरान, इस पर दोनों में कहा-सुनी हो गई। उन्होंने बार-बार कहा कि वे तालिबान को गंभीरता से बातचीत करने के लिए मनाने में अपनी ताकत और पभाव का इस्तेमाल करेंगे लेकिन तालिबान का समर्थन करने वाले नेटवर्प और संगठन खुलेआम अफगान लोगों और राष्ट्र की संपत्ति और क्षमताआंs के विनाश पर जश्न मना रहे हैं। अशरफ गनी के इस बयान के कुछ मिनट बाद अपने ऊपर लगे इन आरोपें पर अपनी पतिकिया देते हुए इमरान खान ने कहा कि इन आरोपों से वह निराश हुए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह सुनकर निराशा हुई कि इस संघर्ष में पाकिस्तान की नकारात्मक भूमिका थी। उन्होंने गनी को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति गनी, अफगानिस्तान में अभी उथल-पुथल से सबसे ज्यादा पभावित होने वाला देश पाकिस्तान है। पिछले 15 सालों में पाक में 70 हजार लोगों की जान गई है। अगर कोई अंfितम चीज है तो वो है कि पाकिस्तान अब और संघर्ष नहीं चाहता है। इमरान ने अफगान राष्ट्रपति को जवाब देते हुए कहा कि मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि पाकिस्तान की तुलना में किसी भी देश ने तालिबान को वार्ता की मेज पर लाने के लिए इस कदर पयास नहीं किया होगा...। अमेरिका के पतिनिधि जहाचे खलीलजाद ने कहा है कि सेना की वापसी के बाद भी अफगान सरकार की मदद जारी रहेगी। साथ ही कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक समझौते की जरूरत है। अफगानिस्तान के सैन्य बलों की मदद के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने 303 करोड़ डालर की मदद का पावधान रखा है। वाशिंगटन में व्हाइट हाउस ने बताया कि अफगान शांति पकिया, स्थिरता और कारोबार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका पाकिस्तान, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान चार सदस्यीय राजनयिक समूह का गठन करेगा। -अनिल नरेन्द्र

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