Wednesday, 14 July 2021

एडीजी जीपी सिंह पर राजद्रोह का मुकदमा

रायपुर के सीनियर आईपीएस तथा एडीजी जीपी सिंह पर एसबी के छापे और निलंबन के बाद पुलिस ने गुरुवार को राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करके तलाश और गिरफ्तारी की कोशिश शुरू कर दी है। इसके लिए दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं, लेकिन पुलिस को यह सूचना भी मिल गई है कि जीपी सिंह अपने बंगले से गायब है। जीपी के बुधवार को बिलासपुर जाने और फिर वहां से दूसरी कार में बैठकर कहीं ओर चले जाने के पुख्ता प्रमाण भी पुलिस को मिले हैं। उधर जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें जब्त दस्तावेजों और डायरी के पन्नों के हवाले से बेहद गंभीर बातों का जिक्र है। एफआईआर में कहा गया है कि जीपी के बंगले के पीछे मिले फटे कागज, पत्र और डायरी के पन्नों में ऐसी बातें लिखी गई हैं जो सरकार के खिलाफ गंभीर साजिश और समाज में वैमनस्यता तथा घृणा फैलाने की साजिशों की तरफ इशारा कर रही हैं। एफआईआर के मुताबिक गुजिंदर पाल सिंह के निवास स्थल की तलाशी के दौरान घर के पिछले हिस्से में कागजों के फटे हुए टुकड़े मिले। इनका कंटेट लिखा हुआ अथवा टाइप किया गया था, जिन्हें गवाहों के समक्ष री-अरेंज किया गया। इनमें गंभीर और संवेदनशील तथ्य सामने आए। पन्नों में प्रतिष्ठित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के खिलाफ अनर्गल एवं आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। उनके खिलाफ षड्यंत्रकारी योजनाओं का भी उल्लेख है। राज्य के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों-उम्मीदवारों का गोपनीय विश्लेषण है तथा उन क्षेत्रों से संबंधित गंभीर मुद्दों पर टिप्पणी की गई है। शासकीय योजनाओं, नीतियों एवं सामाजिक, धार्मिक मुद्दों को लेकर भी गंभीर टिप्पणियां दस्तावेजों में दर्ज हैं। ऐसी भड़काऊ बातें लिखी गई हैं, जिनसे सरकार के प्रति घृणा और असंतोष पैदा हो। यही नहीं, विभिन्न धर्मों और मूलवंशियों के संबंध में भी आपत्तिजनक बातें इन दस्तावेजों में लिखी हुई हैं। राजद्रोह का मामला दर्ज होते ही आरोपित एडीजी गुजिंदर पाल सिंह उर्फ जीपी सिंह छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे और लापता बताए जा रहे हैं। राज्य शासन उनके मामले में कैवियर तैयार कर चुकी है। रायपुर के कोतवाली थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) और 153ए (हेट स्पीच) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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