Friday, 30 July 2021

ममता का मिशन दिल्ली ः नो वोट टू भाजपा

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ममता ने मुलाकात में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये नेताओं, कारोबारियों की जासूसी के आरोपों पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाने की भी मांग रखी। इसके अलावा राज्य के लिए ज्यादा कोविडरोधी टीके भी मांगे। प्रधानमंत्री से 45 मिनट मुलाकात के बाद जब ममता से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहाöपीएम से हुई सभी बातों का खुलासा नहीं किया जा सकता। मैं इस मामले में पूरी जांच चाहती हूं। इसीलिए मैंने पश्चिम बंगाल में सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मदन लोकुर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन पहले ही कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी से हमने कोरोना पर चर्चा की और अपने राज्य के लिए जनसंख्या के हिसाब से वैक्सीन की मांग भी की। वहीं प्रधानमंत्री ने ममता से कहा कि तीसरी लहर से पहले सबको टीका लगना चाहिए। लगता है कि ममता का इरादा प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को बंगाल मॉडल से टक्कर देने का है। वह विपक्षी एकजुटता के जरिये 375 सीटों पर भाजपा को सीधी चुनौती देने की तैयारी में हैं। इनमें से 200 सीटों पर कांग्रेस को वाकओवर का प्रस्ताव दे सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक ममता का मिशन दिल्ली 2024 में भाजपा को सत्ता से हटाना है। इसके लिए सोनिया-पवार-ममता देशभर में भाजपा के खिलाफ एकजुटता का संदेश देंगे। इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से होगी। मकसद है कि 2022 में सात राज्यों के चुनाव में भाजपा को मात दी जाए। ममता यह भी साफ करने आई हैं कि उनका इरादा पीएम की कुर्सी नहीं है। इस अभियान में कांग्रेस केंद्रीय भूमिका में होगी। पिछले दिनों ममता के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोनिया-राहुल से मिलकर इसी मॉडल पर बात की थी। देशभर में 375 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा मुकाबले में है। इनमें 200 सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा-कांग्रेस की सीधी टक्कर है। इन सीटों पर विपक्ष कांग्रेस को समर्थन दे। वहीं कांग्रेस ऐसे राज्यों में दखल न दे, जहां दूसरे दल भाजपा को सीधी टक्कर दे रहे हैं। भाजपा की मजबूती वाले राज्यों में प्रत्याशी को सीधी टक्कर, गैर-भाजपा शासित राज्यों में गैर-भाजपा गठबंधन दलों को समर्थन। साझा अभियान ‘नो वोट टू भाजपा’ नारा। मुकाबले को मोदी बनाम गांधी न बनने देना। नेतृत्व का निर्णय चुनाव बाद के परिदृश्य पर होगा। शरद पवार पितामह की भूमिका में उभरना चाहते हैं। ममता का मकसद बंगाल में एकछत्र राज कायम रखना है। सोनिया कांग्रेस को पुनर्जीवित कर 10 जनपथ का पुराना वर्चस्व कायम करना चाहेंगी। धार्मिक, भावनात्मक, राष्ट्रवाद के मुद्दों का जवाब महंगाई, पेगासस, किसान आंदोलन, बेरोजगारी, कोरोना महामारी जैसे जमीनी मुद्दों से दिया जाए।

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